इस दौरान गर्भवती गर्भवस्था के उस पड़ाव पर पहुँच जाती हैं जब उन्हें अपने गर्भ में पल रहे शिशु की छोटी छोटी हलचल को महसूस होने लगती हैं। इस हफ्ते में गर्भवती का नन्हा सा शिशु इतना बड़ा हो जाता है कि अब वह गर्भ में हिल-डुल सकता है यहाँ तक कि शिशु लात भी मार सकता है उर धक्का मार सकता है। इस समय आपके गर्भाशय में भी शिशु को घूमने के लिए पर्याप्त जगह होती, गर्भ में हो रही इस हलचल को गर्भवती संभवतः महसूस कर सकती हैं। यहाँ हम देखेंगे की बीस सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन के बारे में।
इसे भी पढे़ं: सत्रह सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन
बीस सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन:
शिशु का विकास:
बीस सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में शिशु का विकास एक अहम् परिवर्तन है। हर सप्ताह शिशु का वजन बढ़ता है साथ ही साथ गर्भवती का वजन भी बढ़ता है इस दौरान गर्भ में पल रहा शिशु चूसने और निगलने की शुरुआत कर देता है, और यही कारण है कि पाचन तंत्र में कुछ बदलाव भी हो सकते हैं। इस समय शिशु मल-त्याग करना भी शुरू कर देता है, और इस प्रक्रिया को मेकोनियम के नाम से भी जाना जाता है, यह एक प्रकार का काला और चिपचिपा पदार्थ होता है जो उनकी आंत में इकट्ठा होता है। इसके साथ ही इस दौरान शिशु के दूध के दाँत भी बनने लगते हैं।
इसे भी पढ़ें: जानिए तीसरे महीने की गर्भावस्था में शिशु कैसे होता है विकसित
शिशु का आकार:
बीस सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में शिशु का आकार भी शामिल होता है। 20वें सप्ताह में शिशु का आकार लगभग 16-17 सेंटीमीटर तक होता है, इस दौरान शिशु का वज़न लगभग 300 ग्राम तक होता है। इस दौरान, शिशु को सिर से दुम तक पुर्णतः मापा जाता है, क्योंकि शिशु के पैर उसके ऊपरी शरीर के साथ कसकर बंधे या लिपटे होते हैं। इस सप्ताह में शिशु के सिर से पैर तक आकार पता लगाना संभव एवं आसान होता है।
सामान्य शारीरिक परिवर्तन:
- ओएडिमा: इस दौरान गर्भवती के पैर पानी के प्रतिधारण की वजह से सूजने लगते हैं।
- खर्राटे: एस्ट्रोजन में वृद्धि के कारण नाक की भीतरी झिल्ली में सूजन आ जाती है, जिससे खर्राटे आना संभव है।
- गर्भावस्था के कारण नज़र आने वाला पेट: इस सप्ताह में, लोगों का ध्यान गर्भवती के पेट पर जाने लगता हैं कि आप गर्भवती हैं।
- तेजी से बाल और नाखून बढ़ना: इस दौरान हॉर्मोन्स परिवर्तित होते हैं जिसकी वजह से गर्भवती के बाल और नाखूनों का विकास बहुत तेज़ी से होता हैं।
- योनि स्राव: इस दौरान योनि हानिकारक बैक्टीरिया से कमर को सुरक्षित और बचाए रखने के लिए अधिक मात्रा में स्त्राव या बहाव का उत्पादन करना प्रारंभ कर देती है।
गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के लक्षण:
बीस सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन के अंतर्गत बहुत सी चीज़ें आती हैं और गर्भावस्था की सभी चुनौतियों से लड़ते हुए अंतिम पड़ाव तक पहुँचना शिशु एवं गर्भवती के लिए एक अद्भुत उपलब्धि है। गर्भवती के शरीर में हो रहे परिवर्तनों के साथ ही साथ, कुछ और लक्षण भी हैं जो गर्भवती महिलाएँ अनुभव कर सकती हैं:
इसे भी पढ़ें: ग्यारहवें सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन
- अत्यधिक ऊर्जा: इस दौरान गर्भवती के शरीर के हॉर्मोन उनकी ऊर्जा स्तर के साथ-साथ उनकी सेक्स ड्राइव को भी और अधिक बढ़ा देते हैं।
- सांस लेने मे तकलीफ: जैसे-जैसे शिशु बढ़ता है, गर्भाशय फेफड़ों पर दबाव बढ़ता जाता है है, जिस कारण गर्भवती को सांस लेने में थोड़ी तकलीफ महसूस होती है।
- हाथों-पैरों में ऐंठन होती है: इस दौरान गर्भवती के हाथों और पैरों में ऐठन रहने लगती है।
- बदहजमी और सीने में जलन: इस प्रकार की समस्याएँ उस समय होती हैं जब शिशु पाचन तंत्र को धक्का मारता है इस वजह से गर्भवती रात में अच्छी नींद भी नहीं ले पाती है।
गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोन के उतार-चढ़ाव की वजह से गर्भवती को हल्का सिरदर्द होता हैं, यदि गर्भवती को गंभीर सिरदर्द, पेट में दर्द, मतली, देखने में दिक़्क़त या अधिक सूजन महसूस होती है तो गर्भवती को शीघ्र ही चिकित्सक से सलाह सलाह लेनी चाहिए।
इसे भी पढ़ें: जानिए कैसे होता है गर्भावस्था के दूसरे महीने में शिशु का विकास
गर्भावस्था के 20वें सप्ताह में पेट:
इस सप्ताह के दौरान गर्भाशय गर्भवती के नाभि के समानांतर देखा जाता है और इसका व्यास लगभग 18-24 सेमी तक हो सकता है है। हर सप्ताह लगभग 1-2 सेंटीमीटर बाहर की तरफ निकलता रहता है यह एक स्वाभाविक परिवर्तन है। तो ये सभी थे बीस सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन।