ये तो सभी जानते हैं कि कई ऐसे तकनीकी तरीके आ गए हैं जिनसे गर्भ में पहल रहे शिशु के बारे में पता लगाया जाता है। आज हम यहाँ जानेंगे कि तेईस सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन के बारे में। इस दौरान किस प्रकार शिशु और गर्भवती दोनों में ही परिवर्तन आते हैं। शिशु और गर्भवती दोनों ही अब एक दूसरे के साथ घुलने मिलने लगते हैं और एक दूसरे का अहसास बहुत अच्छे से करने लगते हैं।
गर्भावस्था के इस सप्ताह में कई शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तन शरीर में आते है, क्योंकि इस समय भ्रूण प्रगति पर होता है और इस दौरान शिशु महत्वपूर्ण अंगों को भी अनेक प्रकार से विकसित करता है। जैसे–जैसे शिशु का विकास होता है वैसे ही वैसे गर्भवती का पेट भी स्पष्ट दिखाई देने लगता है।
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तेईस सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन:
- तेईस सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान आपके शिशु का विकास:
यह वह सप्ताह होता है जब शिशु का वज़न पर्याप्त रूप से बढ़ने लगता है। अब शिशु की त्वचा बहुत झोलदार या विकसित हो जाती है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस दौरान शिशु को पर्याप्त पोषण मिलने लगता है। इस सप्ताह में, शिशु के फेफड़ों में रक्त वाहिकाएं बनना प्रारंभ हो जाती हैं जो शिशु को सांस लेने में सहायता करती है। तेईस सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में से यह भी एक बड़ा परिवर्तन है।
- बच्चे का आकार क्या है?:
हर गर्भवती अपने शिशु के आकार और उसका वजन जानने के लिए उत्सुक होती हैं इस सप्ताह शिशु तक़रीबन 11 इंच लंबा होता है और शिशु का वज़न लगभग एक पाउंड से थोड़ा सा अधिक होता है। इस सप्ताह में गर्भ के शिशु का आकार लगभग एक आम के जितना हो सकता है। इस दौरान शिशु बहुत तेज़ी से विकास करता है, साथ ही अगले चार हफ्तों में शिशु का वजन लगभग दोगुना हो जाता है।
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- सामान्य शारीरिक परिवर्तन:
गर्भावस्था के दौरान एक गर्भवती महिला कई प्रकार के शारीरिक परिवर्तनों से गुजरते हुए एक शिशु को जन्म देती है। प्रसूति के समय निकट आने के साथ ही साथ गर्भवती के शारीरिक बदलाव स्पष्ट होने लगते हैं। इस सप्ताह गर्भवती को अपना शरीर बेडौल सा महसूस होता हैं, क्योंकि इस दौरान बेबी बम्प या पेट दिखने लगता है और गर्भवती का गुरुत्वाकर्षण का केंद्र भी इस समय बदलने लगता है। इस दौरान नाभि अगर अंदर धंसी हुई है तो उसका बाहर की ओर आना संभव है। गर्भवती को इस दौरान पारदर्शी या पीला योनि स्राव होना भी संभव हैं इसमें हल्की गंध भी होती है। शिशु के वज़न में वृद्धि होने के कारण, गर्भवती के पैरों में सूजन आ सकती है और घुटनों में दर्द भी होने लगता है। गर्भवती के पैर के तलवे एवं गर्भवती की हथेलियाँ लाल हो सकती हैं। तेईस सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में इस कुछ खास बदलाब संभव हैं।
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इस दौरान पेट की त्वचा में खिंचाव होने के कारण पेट पर निशान स्पष्ट दिखाई देने लगते हैं और नाभि के केंद्र पर इस दौरान एक गहरी काली रेखा उभर कर आ जाती है जिसे लीनिया निग्रा कहा जाता हैं। लिनिया निग्रा हार्मोन के परिवर्तित होने के कारण बनती है, इसकी वजह से गर्भावस्था में त्वचा के रंग में भी परिवर्तन आता है और ये निशान नाभि से प्रारंभ होते हैं एवं जांघ तक जाते है।
- तेईस सप्ताह में गर्भवस्था के लक्षण:
दूसरी तिमाही के दौरान गर्भावस्था के लक्षण पहले से अलग होते हैं। जैसे पहली तिमाही में गर्भवती को मतली और थकान जैसे परिवर्तन महसूसहोते है, वैसे ही दूसरी तिमाही के दौरान निम्नलिखित लक्षण एवं परिवर्तन प्रतीत होते हैं:
- एड़ियों और पैरों में सूजन:
इस दौरान गर्भवती की एडियाँ सूज जाती हैं और पैरों में भी सूजन आ जाती है जो वज़न में बढ़ने का परिणाम हैं। इससे निपटने के लिए गर्भवती पैर ऊपर करके रखना चाहिए साथ ही साथ नियमित रूप से चलना चाहिए और पानी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए। यदि अत्यधिक व अचानक सूजन आती है तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेना चाहिए, क्योंकि अचानक ऐसा होना प्रीक्लेम्पसिया का संकेत माना जाता है, यह गर्भावस्था की जटिलता को प्रदर्शित करता है इसमें रक्तचाप में बढ़ोतरी होती है।
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- पीठदर्द:
तेईस सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में पीठ में दर्द होना एक आम लक्षण है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस दौरान विकसित हो रहा शिशु रीढ़ की हड्डी को धक्का देता है, और इस वजह से गर्भवती की पीठ की मांसपेशियों में तनाव उत्पन्न होत है। अगर गर्भवती महिलाएँ नियमित व्यायाम या योग करें तो इस दर्द से आराम मिल सकता है।
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- ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन:
ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन वह संकुचन होता है हैं, जो प्रसव से पहले होता है हैं और गर्भवती इसे तीसरी तिमाही के दौरान अनुभव करती हैं। संकुचन के दौरान, गर्भाशय की जो मांसपेशियां होती हैं वे लगभग 30 से 60 सेकंड तक ऐसी स्थिति में रहती हैं जहाँ उनमें तनाव उत्पन्न होता है और इसकी अवधि दो मिनट तक हो सकती हैं। इसके नियंत्रण के लिए बार–बार मुद्रा बदलें एवं खूब सारा पानी पिएं।
- गर्भावस्था के 23वें सप्ताह में पेट की स्थिति:
तेईस सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में कई प्रकार के बदलाब में से एक बदलाब यह भी है, इस दौरान पेट की साधारण लम्बाई लगभग 21 से 25 सेंटीमीटर तक होती है इस दौरान बेबी बंप या पेट का उठाव स्पष्ट दिखाई देता है। इस समय में शिशु का वज़न लगभग 12 से 15 पाउंड होता है।