योग दुनिया का सबसे अच्छा उपचार जिसके द्वारा कई प्रकार की बीमारियाँ दूर की जा सकती हैं। योग के समान कोई भी उपचार नहीं है। हृदय रोगों के लिए योग सबसे उत्तम उपाय है। वैसे तो योग के फायदे अनगिनत हैं फिर अगर हृदय रोगों की बात करें तो योग में प्राणायाम इसके लिए सबसे अच्छा उपचार है। योग के द्वारा बड़े से बड़ा हृदय रोग नियंत्रित किया जा सकता है और किसी भी प्रकार की हार्ट सर्जरी से बचा जा सकता है। योग में अगर आप प्राणायाम को रोज सुबह शाम करते हैं तो इसके कई प्रकार के फायदे हैं सबसे बड़ा फायदा है हृदय रोगों से मुक्ति।
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हृदय रोगों के लिए प्राणायाम:
भस्त्रिका प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम
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भस्त्रिका प्राणायाम:
भस्त्रिका प्राणायाम को करने से हृदय सम्बन्धी बीमारी पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। इसके साथ ही इससे शरीर और दिमाग में ताजगी का प्रवाह होता है। इसका अभ्यास कम से कम 5 से 10 मिनिट तक करना चाहिए। अब जानते है भस्त्रिका प्राणायाम को करने की विधि:
सबसे पहले सिद्धासन में बैठ जायें या आप सुखासन में भी बैठ सकते हैं।
कमर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखें और मन को स्थिर करने का प्रयास करें।
अब तीव्र गति से साँस को अंदर लें और उसी गति से बाहर छोड़ें।
साँस लेते हुए पेट फूलना चाहिए और जब साँस छोड़ें तब पेट पिचकना चाहिए।
इससे नाभि पर तीव्र दवाब पड़ता है।
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कपालभाति प्राणायाम:
कपालभाति प्राणायाम को फेफड़ों, स्प्लीन, लीवर, पैनक्रियाज के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है साथ ही यह हृदय रोगों से भी रक्षा करता है। कपालभाति प्राणायाम हृदय रोगों के लिए योग में सबसे उत्तम माना गया है। इसको करने कि विधि:
सुखासन में बैठ जायें।
आँखों को बंद करैं और शरीर को ढीला छोड़ें।
अब नाक से श्वास तेजी से बाहर की तरफ निकालें।
साँस छोड़ते समय पेट को अंदर की तरफ खींचें।
इसमें साँस को रोकना नहीं है।
एक सेकंड के अंतराल से फिर से ऐसा ही करें।
जितने समय तक कपालभाति प्राणायाम हो सकता है करें।
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