आज के समय में लोग अपने काम काज की वजह से अपनी सेहत पर ध्यान ही नहीं दे पा रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें किसी न किसी बीमारी का शिकार होना पड़ रहा है। हमारे देश में 60 पतिशत लोगों की मधुमेह की वजह से होती है। यह ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी के शरीर को पकड़ ले तो उसे फिर जीवन भर छोड़ती नहीं। इस बीमारी का जो सबसे बुरा पक्ष है वह यह है कि यह शरीर में अन्य कई बीमारियों को भी निमंत्रण देती है। अगर एक बार किसी को मधुमेह हो जाए तो ये रोगियों को आंखों में दिक्कत, किडनी और लीवर की बीमारी और पैरों में दिक्कत जैसी बीमारियों में जकड़ लेती है। पहले यह बीमारी चालीस की उम्र के बाद ही होती थी लेकिन आजकल बच्चों में भी इसका मिलना चिंता का एक बड़ा कारण हो गया है।
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मधुमेह के लक्षण कैसे होते है…
जिन लोगों को मधुमेह हो जाए तो उन लोगों में ये सारे लक्षण दिखने लग जाते हैं जैसे-
-ज्यादा प्यास लगना
-बार-बार पेशाब का आना
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-आँखों की रौशनी कम होना
-कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना
-हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म
-बार-बर फोड़े-फुंसियां निकलना
-चक्कर आना
-चिड़चिड़ापन
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मधुमेह शुरु कैसे होता है?
जब किसी के शरीर में पैंक्रियाज में इंसुलिन सही से पहुच नही पाता और खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। वहीं अगर किसी को मधुमेह हो जाए तो उस समय शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।
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डायबिटीज का रोग महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक पाया जाता है। मधुमेह ज्यादातर वंशानुगत और जीवनशैली बिगड़ी होने के कारण होता है। इसमें वंशानुगत को टाइप-1 और अनियमित जीवनशैली की वजह से होने वाले मधुमेह को टाइप-2 श्रेणी में रखा जाता है। पहली श्रेणी के अंतर्गत वह लोग आते हैं जिनके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को मधुमेह हो तो परिवार के सदस्यों को यह बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा यदि आप शारीरिक श्रम कम करते हैं, नींद पूरी नहीं लेते, अनियमित खानपान है और ज्यादातर फास्ट फूड और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।
मधुमेह से कैसे करें बचाव ..
अगर आप पने शरीर को सही रखना चाहते हैं तो आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करना होगा और शारीरिक श्रम करना शुरू करें। जिम नहीं जाना चाहते हैं तो दिन में तीन से चार किलोमीटर तक जरूर पैदल चलें या फिर योग करें।
कम कैलोरी वाला भोजन खाएं। भोजन में मीठे को बिलकुल खत्म कर दें। सब्जियां, ताज़े फल, साबुत अनाज को अपने भोजन में शामिल कीजिये। इसके अलावा फाइबर का भी सेवन करना चाहिए।
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दिन में तीन समय खाने की बजाय उतने ही खाने को छह या सात बार में खाएं।
धूम्रपान और शराब का सेवन कम कर दें या संभव हो तो बिलकुल छोड़ दें।
गेहूं और जौ 2-2 किलो की मात्रा में लेकर एक किलो चने के साथ पिसवा लें। इस आटे की बनी चपातियां ही भोजन में खाएं।