मानव शरीर का लगभग 20% भाग प्रोटीन से बना है। सभी प्रोटीन को खाने के बाद यह 20 विभिन्न अमीनो एसिड में टूट जाता है। हमारे शरीर में पाए जाने वाले 20 विभिन्न अमीनो एसिड को दो मुख्य समूहों में विभाजित किया जाता है: इसेंसियल और नॉन इसेंसियल एमिनो एसिड। शरीर द्वारा नौ आवश्यक अमीनो एसिड (इसेंसियल) को नहीं बनाया जा सकता हैं जिसको बाहर से विभिन्न खाद्य पदार्थों द्वारा प्राप्त किया जाता है जबकि बाकी के अन्य 11, हमारे शरीर द्वारा उत्पादित किये जाते हैं जिनको नॉन इसेंसियल के नाम से जानते है। जिस प्रोटीन स्रोत में सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड की पर्याप्त पूर्ति होती है, तो इसे संपूर्ण प्रोटीन के शीर्ष में रखा जाता है और यदि किसी प्रोटीन में एक या उससे अधिक आवश्यक अमीनो एसिड नहीं होते है तो इसे FDA के अनुसार अपूर्ण प्रोटीन की श्रेणी में रखा जाता है।
प्रोटीन वास्तव में क्या है:
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प्रोटीन एक प्रकार का मैक्रोन्यूट्रिएंट है जो मानव शरीर के हर कोशिका का एक अभिन्न अंग माना जाता है। कार्ब्स और वसा के अतिरिक्त मैक्रोन्यूट्रिएंट शरीर के लिए आवशयक तीन पोषक तत्वों में से एक होता है जिसकी शरीर को बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है। प्रोटीन शरीर की विभिन्न कोशिकाओं और ऊतकों के निर्माण और मरम्मत तथा उनके सही रूप से विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा प्रोटीन और अमीनो एसिड का उपयोग शरीर में लगभग हर चयापचय प्रक्रिया के लिए किया जाता है।
देखा जाए तो हम पौधों और जानवरों सहित कई खाद्य स्रोतों से प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं। कुछ लोगो का मानना है कि प्रोटीन का स्रोत, चाहे वह जानवर से प्राप्त हो या पौधों से, दोनों का ही महत्व समान होता है वही दूसरी और कुछ लोग मानते है कि पौधों से प्राप्त प्रोटीन पशु प्रोटीन से बेहतर होता है।
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पशु प्रोटीन बेहतर या पौधों से प्राप्त प्रोटीन बेहतर :
अच्छे स्वास्थ्य लाभों के लिए, हमारे शरीर को सही अनुपात में सभी आवश्यक अमीनो एसिड की आवश्यकता होती है।
पशु प्रोटीन स्रोत, जैसे मांस, मछली, मुर्गी, अंडे और डेयरी प्रोडक्ट्स प्रोटीन के पूर्ण स्रोत माने जाते हैं क्योंकि इनमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड उचित मात्रा में उपस्थित होते हैं जो हमारे शरीर को सुनिचित ढंग से काम करने के लिए आवश्यक होते हैं।
इसके विपरीत, पौधों से प्राप्त प्रोटीन स्रोत, जैसे कि बीन्स, दाल और नट्स को सम्पूर्ण प्रोटीन की श्रेणी में नहीं रखा जाता है , क्योंकि इनमें एक या एक से अधिक आवश्यक अमीनो एसिड की कमी होती है।
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