मॉर्निंग या ईवनिंग वर्कआउट में से प्रभावशाली कौन सा है ?

by Dr. Himani Singh
मॉर्निंग या ईवनिंग वर्कआउट

आज कल के आधुनिक युग में हर व्यक्ति अपने आपको फिट रखने के लिए वर्कआउट का सहारा लेना पसंद करता है, परन्तु प्रतेक व्यक्ति अपनी दिनचर्या के अनुसार ही अपने वर्कआउट का समय निश्चित कर पाता है। कुछ लोग सुबह-सुबह अपने वर्कआउट को करना पसंद करते है तो कुछ शाम को। ऐसे में यह बात अधिकांश लोगो के मन में आती है कि वर्कआउट सुबह करना अधिक फायदेमंद होता है या शाम को की गई वर्कआउट अधिक लाभकारी होती है ?

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आइये  जानते हैं सुबह और शाम में की गई वर्कआउट से जुड़े कुछ तथ्य:

morning ND EVENING workout

सुबह की वर्कआउट के लाभ:

1.न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय द्वारा की गयी एक रिसर्च के अनुसार  यदि आप अपना वजन कम करने के बारे में सोच रहे हैं तव ऐसे में सुबह नाश्ते से पहले व्यायाम करना लाभकारी होता है। सुबह की एक्सरसाइज में  कार्डियो करना सबसे लाभकारी माना गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नाश्ते से पहले व्यायाम करने पर आपके शरीर को ऊर्जा प्राप्त करने के लिए वसा जलानी पड़ती है, क्योंकि रात भर कुछ न खाने के कारण आपके  शरीर के अंदर उपस्थित ग्लाइकोजन भंडार समाप्त हो जाता है । इसके अतिरिक्त , सुबह व्यायाम करने से आपके चयापचय को किक-स्टार्ट करने में मदद मिलती  है, जो आपको एक्टिव रखने में मदद प्रदान करता है।

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2. रात भर जब हम आराम करते हैं तब हमारा चयापचय रात भर काम करता रहता है, जिसके चलते सुबह के समय शरीर में बहुत कम कार्बोहाइड्रेट उपलब्ध रहती हैं। अतः शरीर में  ग्लाइकोजन कम होने की वजह से ऊर्जा भी कम होती है, और सुबह की वर्कआउट के दौरान आपके शरीर को एक वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत का उपयोग करने के लिए मजबूर किया जाता है  जो आपके  वसा को कम करने में लाभकारी होते हैं। कई शोध इस बात का  समर्थन करते हैं कि सुबह खली पेट किये गए  व्यायाम लंबी अवधि के लिए एक अच्छा विकल्प नहीं साबित होते हैं ।

शाम की वर्कआउट के लाभ :

1. शाम की वर्कआउट को मांसपेशियों के निर्माण और उच्च तीव्रता और शक्ति आधारित व्यायाम, जैसे कि वजन प्रशिक्षण, और उच्च तीव्रता वाले एरोबिक प्रशिक्षण के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योकि शाम के समय में शरीर का तापमान अधिक होता है क्योकि शरीर में उचित मात्रा में  ग्लाइकोजन  उपस्थित होती है जो शरीर को ऊर्जावान बनाये रहती है, इसलिए आपकी मांसपेशियां तीव्र व्यायम के लिए तैयार रहती है।