नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में हवन को हर पूजा कार्य में अनिवार्य माना गया है। हवन जिसे आमतौर पर यज्ञ के नाम से भी जानते है शुद्धिकरण करने के लिए किया जाने वाला कर्मकांड है। वेदों में हवन को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। हिन्दू धर्म के अनुसार घरों में शुभ काम के बाद हवन आदि करना शुभ माना जाता है हवन के बाद माना जाता है कि घर में सकारात्मकता भी आती है।
जानते है हवन करने के वैज्ञानिक तथ्य :
वैज्ञानिको के अनुसार हवन चिकित्सा के रूप में भी काम करता है, इसके प्रयोग से किसी एक ही प्रकार के रोग से पीड़ित कई रोगियों को एक साथ ठीक किया जा सकता है। एम्सटर्डम में स्थित महर्षि आयुर्वेद रिसर्च केंद्र में हुए प्रयोगों के अनुसार यज्ञ चिकित्सा सुनिश्चित और जल्दी लाभ पहुंचाने वाला आसान तरीका है।
वैज्ञानिक टौटीक ने हवन पर की गयी रिसर्च में पाया की यदि आधे घंटे तक हवन में बैठा जाये या हवन से उत्पन धुएं से शरीर को सम्पर्क में लाया जाये तो टाइफाइड रोग और उसको फ़ैलाने वाले जीवाणु मर जाते हैं और शरीर शुद्ध और स्वस्थ हो जाता है।
फ़्रांस के ट्रेले नामक वैज्ञानिक के अनुसार हवन अधिकांशतः आम की लकड़ियों से किया जाता है और आम की लकड़ी जलने पर फ़ॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस उत्पन्न होती है। जो की खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणुओ को नस्ट करने में सहायक है इसके साथ वातावरण को भी शुद्ध करती है। ट्रेले की इस रिसर्च के बाद ही वैज्ञानिकों को इस गैस और इसे बनाने की विधि का पता चला।
वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में पाया कि आम की 1 किलो लकड़ी को आधा किलो हवन सामग्री के साथ जलाने से एक घंटे के अंदर ही कक्ष में मौजूद बैक्टीरिया का स्तर 94 % कम हो जाता है । अनेक बार परीक्षण करने पर यह बात सामने आयी कि एक बार हवन करने से निकले धुएं का असर कम से कम एक महीने तक और उस कक्ष की वायु में विषाणु का स्तर एक महीने बाद भी सामान्य से बहुत कम रहता है ।
- हवन के द्वारा न केवल मनुष्यों बल्कि पेड़ पौधों को भी नुकसान पहुचाने वाले बैक्टीरिया नस्ट हो जाते है । जिससे फसलों में रासायनिक खाद का प्रयोग कम हो सकता है। और अच्छी फैसले उत्पन्न होती है ।
रिपोर्ट: डॉ. हिमानी