प्राचीन समय से ही कछुए का प्रयोग वास्तु उपाय के रूप में किया जाता रहा है। प्राचीनतम मंदिरों में हमें असीम शांति अनुभव होती है, उसका मुख्य कारण मंदिर के मध्य में कछुए की स्थापना है। कहा जाता है कि इसको जहां भी रखा जाता है, वहां सुख-समृद्धि-शांति आती है।
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1. स्फटिक का कछुआ
व्यर्थ की भागदौड़ व अनावश्यक प्रयासों से बचाते हुए यह जीवन की सार्थकता के साथ-साथ सुरक्षा भी देता है। कछुआ एक प्रभावशाली यंत्र है, जिससे वास्तु दोष का निवारण होता है और खुशहाली आती है। अगर आप काफी समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और कई उपाय करने के बाद भी आपको कोई विकल्प नहीं मिल रहा है तो आप घर में स्फटिक से बना हुआ कछुआ रख सकते है। इसे घर की उत्तर दिशा में रखें और मुंह अंदर की तरफ रहे।
2. धातु का कछुआ
धातु का कछुआ पीतल, चांदी, तांबा या अष्ट धातु से बना हुआ घर या व्यवसायिक स्थल पर लगाना शुभ माना गया है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है व वास्तुदोष भी दूर होता है। घर में धातु का कछुआ रखने से, कई समस्याओं के समाधान में मदद मिलती है।
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कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी अगर आपको कैरियर में सफलता नहीं मिल रही हैं तो आपको अपने घर की उत्तर दिशा में धातु से बना हुआ कछुआ रखना चाहिए। इस दिशा में धातु का कछुआ रखने से घर का वातावरण सकारात्मक रहता है, परिवार के सदस्यों का मूड भी अच्छा रहता है।
3. मिट्टी से बना कछुआ
कछुआ अगर मिट्टी का बना हुआ है, तो उसे उत्तर-पूर्व दिशा, मध्य या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए। ऐसा करने से यह सर्वोत्तम परिणाम देता है।
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4. पीठ पर बच्चे वाला कछुआ
कछुए को घर में ‘गुड लक’ के लिए रखा जाता है। लेकिन एक खास प्रकार की मादा कछुआ, जिसकी पीठ पर बच्चे कछुए भी हों, यह प्रजनन का प्रतीक होता है। जिस घर में संतान ना हो या जो दंपत्ति संतान सुख से वंचित हो, उन्हें इस प्रकार का कछुआ अपने घर में रखना लाभकारी परिणाम दे सकता है।