टाइफाइड एक संक्रमण है जो जीवाणु साल्मोनेला टायफिम्यूरियम के कारण होता है। यह जीवाणु मनुष्यों की आंतों और रक्तप्रवाह में रहता है। यह एक संक्रमित व्यक्ति के मल के साथ सीधे संपर्क द्वारा व्यक्तियों के बीच फैलता है।कोई भी जानवर इस बीमारी को नहीं फैलाता है, इसलिए हमेशा इस बीमारी का संक्रमण मानव से मानव होता है। यदि इसका इलाज सही से नहीं हुआ तो टाइफाइड घातक भी हो सकता है।
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टाइफाइड बुखार कैसे फैलता है और इसका निदान कैसे होता है?
दूषित भोजन या पानी के प्रयोग के बाद, साल्मोनेला बैक्टीरिया छोटी आंत पर आक्रमण कर देते हैं और अस्थायी रूप से रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं। बैक्टीरिया श्वेत रक्त कोशिकाओं द्वारा यकृत, प्लीहा, और अस्थि मज्जा में पहुचाये जाते हैं , जहां वे तेजी से दो गुना होते हैं और रक्तप्रवाह को बढ़ाते हैं। ऐसे अवस्था में बुखार जैसे लक्षण महसूस करते हैं।
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बैक्टीरिया पित्ताशय की थैली, पित्त प्रणाली और आंत्र के लसीका ऊतक पर आक्रमण करते हैं। यहां, वे उच्च संख्या में दो गुना हो जाते हैं। बैक्टीरिया आंत्र पथ से गुजरता हुआ मल के दवरा बाहर आता है। इसके परीक्षण के लिए रोगी के रक्त या मूत्र के नमूने को लिया जाता है ।
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टाइफाइड के लक्षण :
- शरीर के कई भागो मे एक साथ दर्द होना
- शरीर मे कमज़ोरी महसूस होना
- तेज सर दर्द रहना
- गले में खराश होना
- तेज बुखार होना
- ठंड लगने के साथ पसीना आना
- पेट में दर्द रहने के साथ उल्टी और दस्त होना
- भूख कम लगना
टाइफाइड होने के कारण:
- गंदे पानी के एक जगह इकठे होने से:
आप के घर के आस पास एक जगह काफी दिन तक पानी के इकठा रहने से यह बैक्टीरिया उसमें पनपने लगते है और फिर आसानी से आपके शरीर में घुसकर आपको रोगग्रस्त करते है।
- जूठा खाना खाने से:
किसी टाइफाइड रोगी के साथ खाना खाने से टाइफाइड का बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है।
- ख़राब भोजन करने से:
भोजन को खुला छोड़ने या काफी दिन के रखे भोजन को करने से यह बैक्टीरिया बुखार पैदा कर सकता है।
- बॅक्टीरिया वाले पानी से नहाने से:
पानी को 2-3 दिन तक भरके रखने से पानी मे कीटाणु पैदा हो सकते है और इस पानी से नहाने या मुँह हाथ धोने से टाइफाइड की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।
रिपोर्ट: डॉ.हिमानी