नई दिल्ली। जब भी किसी के घर में पहला शिशु आता है तो उनके घर की खुशियां दोगुना बढ़ जाती हैं। लेकिन उन्हीं खुशियों के साथ-साथ बच्चे की देखभाल का काम भी बढ़ जाता है। खासकर मां के लिए।
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मां जो अपने बच्चे के लिए कुछ भी कर सकती है ऐसे में वो उसका ख्याल रखने में कोई कसर नहीं छोड़ती। आखिर वो भी चाहकती है कि उसका नन्हा-मुन्ना स्वस्थ रहे, सुंदर दिखे, बुद्धिमान हो।
संक्रमण से रखें दूर
पहले जमाने में प्रसव के बाद मां और शिशु गोनों को अलग कमरे में रखा जाता था, जहां किसी को आने नहीं दिया जाता था। यह परहेज मां और शिशु को किसी रोग या संक्रमण से बचाने के लिए किया जाता था। आज भी लोग इसका परहेज करते हैं। इसलिए प्रसव के बाद मां और बच्चे के आने से पहले पूरा घर अच्छे से साफ करना चाहिए।
शिशु की रोजाना मालिश करना
शिशु के जन्म के 20 दिन बाद से ही मालिश शुरू हो जानी चाहिए। मालिश को हल्के हाथों से करें। क्योंकि अगर आप शिशु की मालिश तेज हाथों से करेंगे तो मांसपेशियां खिंच सकती है, और उसकी मुलायम हड्डियां भी टूट सकती हैं।
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शिशु को पहला टीका जरूर लगवाएं
नवजात शिशु का समय-समय पर टीकाकरण जरूर होता है। नवजात को पैदा होने से लेकर दस साल तक की आयु के बीच में अलग-अलग बीमारियों के अलग-अलग वैक्सीन दिए जाते हैं। शिशु के जन्म के बाद लगने वाला पहला टीका बीसीजी होता है। जो बच्चे के जन्म से लेकर दो हफ्ते कर के भीतर लग जाना चाहिए।
नाखून काटते समय रखें ख्याल
नवजात के नाखून तेजी से बढ़ते हैं, इसलिए उनके नाखूनों को हफ्ते में कम से कम एक बार व पैरों को नाखूनों को महीने में कम से कम एक बार जरूर काटना चाहिए।