- गोमुखासन क्या है।
- गोमुखासन के लाभ
- गोमुखासन करने का तरीका
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इन दिनों जबकि ज्यादातर अस्पताल करोना के मरीजों के लिए समर्पित है और बाकी बीमारियों के इलाज का रास्ता सिर्फ टेलीफोनिक क्लीनिक हैं। ऐसे में ऐहतियात ही सबसे सफल इलाज है और योगासन खुद को स्वस्थ रखने

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गोमुखासन क्या है ?
गोमुख का अर्थ होता है गाय का चेहरा या गाय का मुख। इस आसन में पांव की स्थिति बहुत हद तक गोमुख की आकृति जैसे होती है इसलिए इसे गोमुखासन कहा जाता है। यह महिलाओं के लिए अत्यंत लाभदायक आसन है। साथ ही गठिया, कब्ज, मधुमेह और कमर मे दर्द होने पर भी यह आसन बेहद लाभप्रद है।

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गोमुखासन के लाभ..
- यह फेफडों के लिए एक बहुत ही मुफीद अभ्यास है।
- इससे पीठ एवं बांहों की पेशियां मजबूत होता हैं।
- यह रीढ़ को सीधा रखने के साथ-साथ इसको मजबूत भी बनाता है।
- कंधा जकड़ और गर्दन दर्द ठीक करने में भी सहायक है।
- यह स्त्री रोगों के लिए भी बहुत लाभदायक आसन है।
- इसके नियमित अभ्यास से कमर दर्द की परेशानियों से राहत पा सकते हैं।
- यह मधुमेह के नियंत्रण में सहायक है।
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गोमुखासन करने का तरीका–

- सबसे पहले दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाएं और हाथ को बगल में रखें।
- बाएं पांव को घुटने से मोडें तथा दायी ओर जमीन पर रख लें।
- इसी तरह, दाएं पांव को घुटने से मोड़ें, बाएं पांव के ऊपर से लाएं तथा दायी एड़ी को बायी तरफ रखें।
- अब बाएं हाथ को उठाएं और इसको कोहनी से मोड़ें फिर पीछे की ओर कंधों से नीचे ले जाएं।
- दायी बांह उठाएं, कोहनी से मोड़ें और ऊपर की ओर ले जाकर पीछे पीठ पर ले जाएं।
- दोनों हाथों की अंगुलियों को पीठ के पीछे इस तरह से रखें कि एक-दूसरे को आपस में गूंथ लें।
- अब सिर को कोहनी पर धकेलने का प्रयास करें।
- पांवों और हाथों की स्थिति बदलते हुए इसे दोहराएं।
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आसन इस दौर में ऐसा उपाय है जिसमें सिर्फ कुछ समय देना है और रोग कोसों दूर भाग जाएंगे। गोमुखासन से जाघं, कूल्हा, पीठ का ऊपरी हिस्सा, कंधों की मांशपेशियां मजबूत होती हैं। ह्रदय रोगियों के लिए भी यह बेहत साभदायक हैं। दस मिनट के आसन से ठकान, चिंता कम होती है। जिनकी गर्दन में दर्द हो वे इसे न करें।
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