हर गर्भावस्था में कुछ समस्याओं का खतरा होता है। गर्भावस्था के समय होने वाली जटिलताएं गर्भवती के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। इन जटिलताओं का असर न केवल माँ पर पड़ता है बल्कि होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। कई बार देखा गया है कि गर्भवती होने से पहले जो महिलाएं स्वस्थ होती हैं उनको भी इस दौरान कई जटिलताओं से गुजरना पड़ता है। ये जटिलताएँ गर्भावस्था को जोखिम में भी डाल सकती हैं। इस आर्टिकिल में हम आपको कुछ ऐसी समस्याओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपकी गर्भावस्था को जटिल बना सकती हैं।
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गर्भावस्था में कब्ज:
आपके शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन के कारण आपको गर्भावस्था में बहुत जल्दी कब्ज होने की सम्भावना रहती है।
गर्भावस्था में बेहोशी महसूस होना:
गर्भवती महिलाएं अक्सर बेहोशी जैसी अवस्था महसूस करती हैं। यह हार्मोनल परिवर्तनों के काऑक्सीजनरण होता है। और कई बार गर्भावस्था के दौरान खून की कमी होने के कारण ऑक्सीजन की कमी की वजह से मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं मिल पाने के कारण भी ऐसा हो सकता
है।
गर्भावस्था में गर्मी महसूस होना:
आपको गर्भावस्था के दौरान सामान्य से अधिक गर्मी महसूस होने की संभावना बढ़ जाती है। यह हार्मोनल परिवर्तन और त्वचा में रक्त की आपूर्ति में वृद्धि के कारण होता है। ऐसे में गर्भवती को बहुतअधिक पसीना आने की भी संभावना रहती है।
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ऐंठन:
कई गर्भवती महिलाओं के दूसरी या तीसरी तिमाही में दर्दनाक पैरों में ऐंठन होने की शिकायत रहती है यह समस्या अधिकाशतः रात में होने की अधिक सम्भावना होती है। अतिरिक्त रक्त परिसंचरण और मांसपेशियों में तनाव के कारण ऐसा होने की सम्भाना जताई जाती है । कई बार सरीर में कैल्शियम की कमी के कारण भी ऐसा हो सकता है। पैर की ऐंठन आमतौर पर कुछ मिनटों के भीतर चली भी जाती है।
पीठ दर्द:
कई महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान नरम लिगामेंट्स के संयोजन और बढ़ते बच्चे के बढ़ते वजन के कारण पीठ में दर्द होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
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बंद नाक और जुकाम की समस्या :
कई महिलाओं को गर्भावस्था में नाक अवरुद्ध या जुकाम होने की समस्या हो सकती है और कई बार तो देखा गया है कि बिना किसी स्पष्ट कारण के नाक से खून भी आने लगता है । ऐसा गर्भावस्था के हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है। यह गर्भावस्था के पहले कुछ महीनों मे शुरू हो कर , जब तक
आपका बच्चा पैदा न हो जाए तब तक चल सकता है।