नई दिल्ली। जब भी कोई महिला प्रेंगनेंट होती है, तो लोगों के दिमाग में एक ही बात आती है बेड रेस्ट। परिवारवाले भी उन्हें पूरा-पूरा आराम करने की सलाह देते हैं, उन्हें लगता है कि इस समय उन्हें आराम करना चाहिए इसलिए महिलाएं कामकाज और यहां तक कि हल्के फुल्के शारीरिक व्यायाम भी करना छोड़ देती हैं जो कि गलत है। यह आप और आपके होने वाले बच्चे, दोनों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
गर्भावस्था में महिलाओं को ज्यादा और हल्का-फुल्का काम करते रहना चाहिए। ज्यादा आराम करने वाली महिलाओं में देखा जाता है कि उनकी डिलवरी समय से पहले और ऑपरेशन से होती है। इसलिए डॉक्टर भी महिलाओं को ऐसे समय में हल्के फुल्के व्यायाम की सलाह देते हैं।
गर्भावस्था में आराम
बहुत सी महिलाओं में यह भम्र फैला हुआ है कि गर्भावस्था में उन्हें बेड रेस्ट करना चाहिए या नहीं। घर में बड़े बुजुर्ग भी यही मानते हैं कि गर्भवती महिला को काम से ज्यादा आराम करना चाहिए, लेकिन ये ना ही उनके बच्चे के लिए सही है और ना ही उनके लिए। आजकल डॉक्टर महिलाओं को प्रेग्नेंसी में थोड़ा बहुत काम करने की सलाह देते हैं और साथ ही टहलने को भी कहते हैं क्योंकि इससे महिला व बच्चा दोनों स्वस्थ्य रहते हैं।
बेड रेस्ट के खतरे
- गर्भवती महिलाएं यदि बेड रेस्ट से बचें और हमेशा क्रियाशील रहें तो इससे समय से पहले बच्चे के पैदा होने की संभावना कम हो जाती है तथा इससे मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
- बेड रेस्ट करने से मांसपेशियों की कार्यक्षमता में कमी आती है जिससे हड्डियों को भी हानि पहुंचती है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं तथा उनसे जन्म लेने वाले बच्चे का वजन भी घट जाता है।
- गर्भवती महिलाओं के बेड रेस्ट करने से अपच तथा पीठ की दर्द की शिकायत रहती है।
- गर्भवती महिलाएं ज्यादा बेड रेस्ट करने से थकान और ऊबाउपन महसूस करती हैं। उनके सोने का क्रम भी बिगड़ जाता है। साथ ही वे डिप्रेशन की शिकार भी हो सकती हैं।
- गर्भावस्था में बेड रेस्ट करने वाली गर्भवती महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं पैदा हो जाती है। यह होने वाले बच्चे के लिए भी खतरनाक है।
- महिलाओं के ज्यादा आराम करने से प्रसव के दौरान सिजेरियन की संभावना बढ़ जाती है।
- ज्यादा बेड रेस्ट करने से महिलाओं में वजन बढ़ने की समस्या हो जाती है जिससे कई अन्य बीमारियां होने का खतरा रहता है जैसे मधुमेह, हृदय रोग, रक्तचाप आदि।