ऑर्गेज्म के बारे में बात करते हुए महिलायें अकसर शरमा जाती हैं। यह केवल संभोग में चरम सुख की प्राप्ति ही नहीं है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म तक पहुंचने से शरीर का रक्त प्रवाहित होता है। ऑर्गेज्म से आपके जननांगों के क्षेत्र में रक्त प्रवाह तेज हो जाता है। इस कारण से आपके शरीर के ऊतक स्वस्थ बने रहते हैं। सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म सेक्स में संतुष्टि और सुखद अहसास दिलाता है।
ऑर्गेज्म अपने पार्टनर को सेक्सुअली उत्तेजित करने से महसूस किया जा सकता है। कई शोध में यह कहा गया है कि पुरुषों से ज्यादा महिलाएं सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म महसूस करती हैं परन्तु कई महिलाएं ऑर्गेज्म तक पहुंचती हैं, पर वे उसके बारे में महसूस नहीं कर पातीं। महिलाओं के ऑर्गेज्म से संबंधित कुछ मिथक भी हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि जो महिलाएं सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म का अनुभव नहीं कर पातीं, वे असामान्य होती हैं, पर ऐसा नहीं है। सेक्सोलॉजिस्ट के अनुसार, सभी महिलाएं ऑर्गेज्म पा सकती हैं। मैच्योर महिलाओं में मल्टिपल ऑर्गेज्म पाने की योग्यता अन्य महिलाओं के मुकाबले अधिक होती है।
महिलाओं के मन में ऑर्गेज्म को लेकर अक्सर कुछ सवाल रहते है जिसको शर्म के चलते वह किसी से खुल कर नहीं पूछ पाती।
जैसे कुछ महिलाओं को अक्सर यह जानने की इक्छा रहती है की क्या केवल सेक्सुअल इंटरकोर्स से ही ऑर्गेज्म तक पहुंचा जा सकता है?
तीन में से एक महिला सेक्स के दौरान नियमित रूप से ऑर्गेज्म तक पहुंचती हैं। कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जो सेक्स के दौरान उत्तेजना महसूस करने के लिए पार्टनर से अतिरिक्त क्रिया की चाह रखती हैं। हाल में हुए अध्ययन से पता चला है कि ऑर्गेज्म सेक्सुअल क्लाइमेक्स होता है फिर चाहे उसे आप जिस भी तरीके से प्राप्त करें। ऑर्गेज्म तक एक महिला कैसे पहुंचती है, इसका अधिक संबंध उसके मानसिक स्वास्थ्य या भावनात्मक परिपक्वता के साथ साथ उसके पार्टर द्वारा की गयी अतिरिक्त किर्याओं से होता है । जरुरी नहीं की सेक्सुअल इंटरकोर्स से ऑर्गेज्म तक पहुंचा जाये, कई महिलाएं फोरप्ले द्वारा या ओरल एक्टिविटीज द्वारा भी ऑर्गेज्म पा सकती है।
कुछ महिलाओं के मन में सवाल होता है की अगर सेक्स के दौरान वह ऑर्गेज्म महसूस नहीं करतीं, तो क्या वह ऐबनॉर्मल हैं?
ऐसी धारणा 100 प्रतिशत गलत है। कई महिलाएं ऑर्गेज्म तक पहुंचती हैं, पर वे उसके बारे में महसूस नहीं कर पातीं। कई महिलाओं की पेल्विक मसल्स ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट नहीं करतीं, बल्कि उत्तेजना के एक प्वॉइंट के बाद वे रिलैक्स और संतुष्ट महसूस करने लगती हैं। यानी अगर सेक्स बहुत बढ़िया नहीं रहा तो डरने की जरूरत नहीं। इसका यह मतलब नहीं कि आप ऐबनॉर्मल हैं।
रिपोर्ट: डॉ. हिमानी