हम सब जानते हैं कि आयुर्वेद में नीम का एक महत्वपूर्ण भाग है। काफी सारे रोगों व समस्याओं से निदान पाने के लिए नीम का उपयोग किया जाता है। नीम का पेड़ अनेक गुणों से परिपूर्ण होता है।
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नीम के पेड़ का महत्व
नीम के पेड़ का अपना एक अलग महत्व होता है। और नीम के फल और बीजों से तेल निकाला जाता है।
इस तेल का उपयोग त्वचा से संबंधित बीमारियों व अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार में किया जाता है।
आइए, जानते है नीम के फायदे के :
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1. गर्भनिरोधक के रूप में
- नीम से बनाई गई औषधियां गर्भनिरोधक के रूप में प्रयोग की जाती है।
- नीम को चूहों पर प्रयोग किया गया। नीम के तेल से चूहे कुछ समय के लिए बाँझ हो जाते हैं।
- नीम का तेल पुरुषों में पाई जाने वाली शुक्राणुजनन की प्रकिया को अवरुद्ध कर देता है। इस प्रकार टेस्टोस्टेरॉन का उत्पादन नहीं हो पाता और अनचाहे गर्भ से राहत मिलती है।
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2. मुँह व दाँतों के लिए
- नीम के अर्क से बना हुआ माउथवाश ‘स्ट्रेप्टकॉकस म्यूटंट्स’ के विकास को रोकता है।
- नीम के तेल का उपयोग टूथपेस्ट में भी किया जाता है क्योंकि यह बैक्टीरीया व अन्य हानिकारक कीटाणुओं के विरुद्ध लड़ने में सक्षम होता है।
- नीम की छाल को चबाने से मुँह की बदबू से राहत मिलती है।
3. मधुमेह की रोकथाम में
- नीम प्राकृतिक रूप से कड़वा और कसैला होता है।
- नीम में हाईपोग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं। ये रक्त में पाए जाने वाले शुगर के कणों को घटाकर मधुमेह की सम्भावनाओं को कम करते हैं।
- नीम मधुमेह के कारण होने वाले तनाव को भी कम करने की क्षमता रखता है।
4. अस्थमा के उपचार में
- नीम का तेल अस्थमा के उपचार में सहायता प्रदान करता है।
- कफ, बुखार और खाँसी की समस्या हो रही है तो नीम के तेल की कुछ बूंदों का प्रतिदिन सेवन करने से इन सबसे राहत मिलती है।
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5. रक्त का शुद्धिकरण करना
- नीम में मौजूद तत्व रक्त को शुद्ध करने का भी कार्य करते हैं।
- नीम का तेल रक्त में पाए जाने वाले शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है।
- एक गिलास पानी में दो से तीन नीम की पत्तियाँ और कुछ मात्रा में शहद मिलाएँ। इस मिश्रण का सेवन प्रतिदिन सुबह ख़ाली पेट करें। इससे हार्मोन स्तर की गड़बड़ी में सुधार आता है।