प्राचीन काल से स्वयं को ढूंढने के लिए ध्यान ही एक मात्र विकल्प माना जाता है। ध्यान से ही व्यक्ति की मानसिक संरचना में बदलाव हो सकता है। जीवन के उद्देश्य को प्राप्त करने और तनावमुक्त रहने का सबसे सरल एंव उपयोगी तरीका ध्यान है।
इसे भी पढ़ें: कारण जो मानसिक तनाव बढ़ा कर रोने पर मजबूर कर देते हैं
ध्यान क्या है :
वास्तव में मन और मस्तिष्क का मौन हो जाना ही ध्यान है। ध्यान कोई क्रिया नहीं है, इसलिए इसमें करने जैसा कुछ भी नहीं। ध्यान बस हो जाता है। ध्यान की अवस्था में पहुंचने पर ध्यान करने वाला अपने आसपास के वातावरण को और खुद को भी भूल जाता है। इस क्रिया में इंसान अपने मन को चेतन की एक विशेष अवस्था में लाने की कोशिश करता है। ध्यान करना अपने आप में एक लक्ष्य होता है। इसमें अपने मन को शान्ति देने से लेकर आन्तरिक ऊर्जा या जीवन-शक्ति का निर्माण करना होता है जो हमारी ज़िंदगी मे सकरात्मकता और खुशहाली लाती है।
आत्म नियंत्रण और आत्म-प्राप्ति की तकनीक : ध्यान खुद पर नियंत्रित रखने एंव आत्म-प्राप्ति की एक पद्धति है जो हमारी जिंदगी को आसान एंव खुशमय बनाती है। ध्यान से हमारा आत्मविश्वास और एकाग्रता बढ़ती है जिससे हमारा समस्याओं के प्रति नजरिया बदल जाता है। हम समस्याओं को रचनात्मक तरीकों से बड़ी आसानी हल कर पाते है जिससे तनाव कम होता है।
विचारों पर नियंत्रण : हमारे मन में एक साथ कई विचार चलते रहते हैं। मन में दौड़ते विचारों से मस्तिष्क में कोलाहल सा उत्पन्न होने लगता है जिससे मानसिक अशांति पैदा होने लगती है। ध्यान अनावश्यक विचारों को मन से निकालकर शुद्ध और आवश्यक विचारों को ही मस्तिष्क में जगह देता है।
भगवान से जुड़ने का रास्ता : जब हम अपनी अंतरात्मा से जुड़ जाते है तो उस अद्भुत ईश्वरीय शक्ति से स्वत: ही जुड़ जाते है और ध्यान हमें अपनी अंतरात्मा से जोड़ता है।
स्वामी विवेकानंद ने कहा है –
“आप ईश्वर में तब तक विश्वास नहीं कर पाएंगे जब तक आप अपने आप में विश्वास नहीं करते”
रोज ध्यान करने पर हमें अद्भुत अनुभव होने लगता है। हमें ऐसा लगता है जैसे हमारे साथ एक शक्ति है जो हमेशा हमारी मदद करेगी।
आत्मिक शक्ति का विकास : ध्यान तन, मन और आत्मा के बीच सीधा सम्बन्ध बनाता है और उसे बल प्रदान करता है। ध्यान का नियमित अभ्यास करने से आत्मिक शक्ति बढ़ती और मानसिक शांति की अनुभूति होती है। ध्यान का अभ्यास करते समय शुरू में 5 मिनट भी काफी होता है। अभ्यास से 20-30 मिनट तक ध्यान लगा सकते हैं।
रिपोर्ट: डॉ.हिमानी