नवजात शिशु की आंखों में काजल लगाने का प्रचलन पुरे देश के विभिन्न हिस्सों में सदियों से चला आ रहा है। पुरानी परंपरा के अनुसार काजल या सुरमा लगाने से शिशु की आंखें उज्ज्वल, बड़ी और आकर्षक दिखती हैं। आंखों को खूबसूरत बनाने के अलावा काजल के कई और भी लाभ होते हैं जैसे कि इससे आंखों को ठंडक मिलती है, आंखों की विशुद्धियां दूर होती हैं और आखों की दृष्टि भी मज़बूत होती है। नवजात शिशु को काजल घर का ही बना हुआ लगाना चाहिए क्योकि घर का बना काजल ऑर्गेनिक काजल होता है क्योंकि इसे बनाने में किसी भी तरह के केमिकल्स का उपयोग नहीं होता है। घर पर काजल बनाने के लिए आप इस इस आसान तरीके का प्रयोग कर सकते हैं :
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प्राकृतिक काजल बनाने की विधि :
- दो कपों को थोड़ी- थोड़ी दूरी पर इस प्रकार रखें की इस गैप के बीच में एक मिट्टी का दिया आ जाए ।
- अब इन दोनों कपों के ऊपर एक तांबे की प्लेट उल्टी करके रखें।
- दिये में सरसों या अरंडी का तेल डालकर उसमें साफ़ रूई की बत्ती डाल कर जलाएं।
- दिये को दोनों कपों के बीच में इस प्रकार रखें कि दिये की लौ प्लेट तक आसानी से पहुंचे ।
- अब इसे 05 -१० तक इसी प्रकार छोड़ दें।
- प्लेट ठंडी होने पर उसके ऊपर जमी कालिख को खुरचकर एक खाली डिबिया में डाल के रख लें ।
- इस कालिख में कुछ बूँदें देसी घी की मिलाकर हल्का सा पेस्ट बना लें। ये पेस्ट न ज्यादा पतला हो और न ज्यादा गाढ़ा ।
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सावधानियाँ :
- यदि आप अपने शिशु को नजर से बचाने के लिए काजल लगाना चाहती हैं तो पैर के तलवे, कान के पीछे या माथे की कपालरेखा पर एक छोटा सा टीका लगाना बेहतर और सुरक्षित विकल्प होता हैं।
- अगर आपको अपने बच्चे की आखों में काजल ही लगाना हैं तो इसके लिए कुछ
- सावधानियां बरतनी आवशयक होती है जैसे की नवजात शिशु को काजल लगाने के बाद यदि उसकी आखों में जलन हो तो तुरंत आंखों में पानी के छींटे मार के किसी साफ़ कपडे से काजल हटा देना चाहिए।
- काजल लगाते वक्त ध्यान रखना चाहिए कि काजल आंखों के अंदर ना गिरे, काजल सिर्फ आखों के बहार ही लगाना चाहिए |
- शिशु को काजल लगाने से यदि आंखों में पानी आये तो काजल लगाना बंद कर देना चाहिए ।
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रिपोर्ट: डॉ.हिमानी