भारत जनसंख्या प्रधान देशों में से एक माना जाता है, कई बार बढ़ती जनसंख्या बहुत सी समस्याओं को जन्म देती हैं। देश को विकसित बनाने के लिए जनसंख्या का सिमित होना अनिवार्य होता है। ऐसे में बढ़ती जनसंख्या को किस प्रकार रोका जाए, इस विषय में नई रिसर्च जरुरी है। ऐसे में इस समाचार का सामने आना कि भारत में दुनिया का पहला पुरुष गर्भनिरोधक इंजेक्शन तैयार हो गया है किसी ताजुब से कम नहीं जान पड़ता है। खास बात ये है कि ये इंजेक्शन भारत में क्लीनिकली टेस्ट हो चूका है और अगले छह महीने के अंदर बाजारों में दुकानों पर उपलब्ध होने की भी सम्भाना है। जनसंख्या के लिहाज से यह खोज भारत के लिए एक बड़ी खबर जान पड़ती है।
अधिकाशतः देखा गया है कि जैसे ही कोई भी गर्भ निरोधक से जुडी बात आती हैं तो सबकी निगाहें महिलाओं की ओर केंद्रित हो जाती है ऐसा प्रतीत होता है कि जनसंख्या नियंत्रित करने के बारे में सिर्फ महिलाओं को ही फेल करनी पड़ती है, इसके प्रति पुरुषों का रोल कम ही नजर आता है, चाहे गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन की बात हो, कॉन्ट्रैसेप्टिव रिंग लगवाने की बात हो या आईयूडी लगवाने की बात हो या फिर इमरजेंसी कॉन्ट्रसेप्टिव गोलियों के सेवन की बात हो, इन सभी समस्याओं से केवल महिलाओं को गुजरना पड़ता है, परन्तु ऐसे में ICMR के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार यह पुरुषों का गर्भनिरोधक इंजेक्शन, गर्भनिरोध में पुरूषों को बराबरी की जिम्मेदारी निभाने में सहयोग करेगा। इस गर्भनिरोधक इंजेक्शन को लगाने से पुरूषों में कुछ पॉलिमर्स रिलीज होंगे, जो स्पर्म को ब्लॉक करके फर्टिलाइजेशन के समय टेस्टीकल्स को बाहर निकलने से रोक देगा।
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आइए जानते हैं पुरुषों के लिए तैयार पहले गर्भनिरोधक इंजेक्शन से जुड़े अनेक तथ्यों के बारे में :
1.समाचार रिपोर्टों के अनुसार, दुनिया का पहला पुरुषों के लिए तैयार गर्भनिरोधक इंजेक्शन भारत में प्रयोग के लिए सरकार द्वारा स्वीकृति मिलने को लगभग तैयार है। इस हफ्ते, भारत में शोधकर्ताओं ने घोषणा की है कि उन्होंने RISUG के रूप में जाना जाने वाले गर्भनिरोधक इंजेक्शन के सभी परीक्षणों को पूरा कर किया है, जो हिंदुस्तान टाइम्स के मार्गदर्शन के तहत शुक्राणु के निषेध के लिए जाना जाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार यह इंजेक्शन पुरुषों के अंडकोष के पास इंजेक्ट किया जाता है और 13 साल तक इसका प्रभाव रहता है। अतः हम कह सकते हैं कि एक बार पुरुष द्वारा इस इंजेक्शन के प्रयोग के बाद 13 साल तक बर्थ कंट्रोल को रोका जा सकता है। अब सरकारी विभाग देश में इसका वितरण करने के लिए इसको मंजूरी देने के प्रयास में कार्यरत है। इस अध्ययन का परीक्षण लगभग 300 से अधिक पुरुषों पर किया गया , जिसके तहत यह पाया गया कि गर्भावस्था को रोकने में इस परीक्षण ने 97% तक सफलता की दर प्राप्त की है । इस मेल कॉन्ट्रसेप्टिव इंजेक्शन का 3 राउंड में क्लीनिकल ट्रायल किया गया, जो पूरी तरह से सफल रहा।
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2. लंबे समय से, केवल दो गर्भनिरोधक समाधान पर पुरुष भरोसा कर सकते हैं, एक या तो कंडोम पहनना दूसरा नसबंदी सर्जरी, जिसमें लिंग तक शुक्राणु पहुंचने वाली दो नलियों को काट या सील कर दिया जाता है। ऐसे में दुनिया का पहला पुरुष गर्भनिरोधक इंजेक्शन बहुत बड़ी सफलता साबित होगा। यह पुरुष गर्भनिरोधक इंजेक्शन 78 वर्षीय दिल्ली के बायोमेडिकल इंजीनियर सुजॉय गुहा द्वारा खोजा गया है।
3. जब वैज्ञानिकों द्वारा क्लीनिकल ट्रायल किया गया तो इस दौरान, जिन लोगों को इस परीक्षण में शामिल किया गया था उनको यह इंजेक्शन देने के बाद किसी भी व्यक्ति में कोई भी साइड इफेक्ट नहीं देखा गया। अतः यह बात सामने आई है कि इंजेक्शन पूरी तरह से सुरक्षित है।
4. दुनिया भर में देखा जाए तो लगभग आधे से अधिक महिलाएं गर्भधारण के लिए पहले से तैयार नहीं होती हैं, उनको अचानक से पता चलता है की वह गर्भवती हैं अतः हम कह सकते हैं कि आधी से अधिक महिलाएं जन्म नियंत्रण के बोझ को सहन कर रही हैं। ऐसे में पुरुषों का लंबे समय तक चलने वाला गर्भनिरोधक इंजेक्शन इस अनियोजित गर्भधारण की दर में काफी हद तक गिरावट का काम करेगा।