जब एक महिला प्रेग्नेंट होती है तो वो उसकी जिंदगी का एक अलग ही दौर होता है। जहां वह बहुत खुश होती है वहीं दूसरी और उसे बहुत सारी परेशानी भी झेलनी पड़ती है। क्योंकि प्रेग्नेंसी के वक्त मॉर्निंग सिकनेस होती है, वैसे तो प्रेग्नेंसी में मिचली होना आम है और इससे होने वाले बच्चे को कोई खतरा नहीं होता। वहीं हर महिलाओं में प्रेग्नेंसी के लक्षण एक जैसे नहीं होते हैं। जहां कुछ महिलाओं को केवल मिचली और उबकाई महसूस होती है, वहीं किसी किसी को मिचली के साथ लगातार उल्टियां होती हैं। वैसे तो प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीनों में मॉर्निंग सिकनेस या मिचली की समस्या होना आम बात है लेकिन कुछ लोगों को ये समस्या प्रेग्नेंसी के नौ महीनों में बनी रहती है। ये तरीके अपनाकर आप मिचली से राहत पा सकती हैं।
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बिस्तर से धीरे-धीरे उठें

बिस्तर से आराम से और धीरे-धीरे उठें. पीठ को सहारा देते हुए धीरे से बैठें और एक मिनट इंतजार करने के बाद उठें. बिस्तर से तेजी से या अचानक उठने से मिचली काफी बढ़ सकती है.
खाली पेट न रहें
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खाली पेट आपकी मिचली यानी मॉर्निंग सिकनेस को और बढ़ाता है. इसी वजह से महिलाएं अक्सर सुबह के समय मिचली या उबकाई महसूस करती हैं. सुबह बिस्तर से खाली पेट न उठें. बिस्तर पर लेटे हुए ही सूखे टोस्ट या बिस्किट जैसा कुछ खा लें. इन्हें धीरे-धीरे खाएं, उसके बाद ही बिस्तर से उठें.
प्रोटीन से भरपूर आहार लें
ऐसे समय में खाने का बहुत ध्यान रखना चाहिए, तो इसके लिए आप ऐसे फूड आइटम्मस खाएं जो आसानी से पच सकें और वो प्रोटीन और विटामिन बी से युक्त हों. जब भी भूख लगे थोड़े- थोड़े ड्राई फ्रूट्स खाते रहें.
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खूब पानी पीएं

प्रेग्नेंसी के दौरान में महिला को खूब पानी पिना चाहिए. हांलाकि कभी-कभी पेट में भारीपन का एहसास होता है और पानी पीने में भी दिक्कत महसूस होती है, जिससे मिचली महसूस होने लगती है. पूरे दिन में कम से कम आठ से 12 गिलास पानी पीएं.
नींबू सूंघे
जब भी किसी महिला का मन खराब हो रहा हो तो उसे उस समय कटे हुए नींबू की खुशबू से राहत मिल सकती है. उल्टी जैसा महसूस होने पर नींबू पानी भी पी सकती हैं.