यदि आप उन लोगो में से एक है जिनको चिंता, सर में दर्द और नींद न आने की शिकायत रहती है तो ऐसे में आपको अरोमाथेरेपी के विषय में सोचने की आवश्यकता है। इस तरह के उपचार में, विभिन्न प्रकार के पौधों के अर्क से निकाले गए एसेंशियल ऑयल्स का उपयोग किया जाता है। इस विधि में या तो इन तेलों का प्रयोग नाक के माध्यम से किया जाता है या त्वचा पर प्रयोग करके किया जाता हैं। इन तेलों का प्रयोग मालिश के रूप में या स्नान करने से पहले शरीर पर मसाज के रूप किया जाता हैं। अरोमाथेरेपी चिकित्सा में इन आवश्यक तेलों में सुगंधित अणु घ्राण तंत्रिकाओं से सीधे मस्तिष्क तक जाते हैं और विशेष रूप से मस्तिष्क के भावनात्मक केंद्र को प्रभावित करके लाभ पहुंचाते है।अरोमाथेरेपी में प्रयोग किये जाने वाले पौधे-आधारित तेल आमतौर पर सस्ते और हानिकारक दुष्प्रभावों से मुक्त होते हैं। इससे भी बेहतर, वे बहुत तेज़ी से काम करते हैं क्योंकि तेल त्वचा और फेफड़ों के माध्यम से अवशोषित किये जाते हैं।
आइये जानते हैं इन एसेंशियल ऑयल्स के प्रयोग से होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में :
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- तनाव से आराम दिलाता है :
चिंता और किसी मस्तिष्क असंतुलन से गुजर रहे लोगों के लिए एसेंशियल ऑयल्स का प्रयोग बहुत ही लाभकारी माना जाता है केवल इन तेलों की सुगंध मात्र से आपको मानसिक आराम प्राप्त होता है अतः यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि मनोवैज्ञानिक स्तर पर काम करते हैं। ये तेल दो तरीकों से काम करते हैं। पहला , गंध के रूप में एक शक्तिशाली सुखद खुशबू द्वारा नसों, तनाव और चिंता से छुटकारा दिलाती हैं, दूसरा मसाज द्वारा तवचा से होता हुआ रक्त प्रवाह में प्रवेश करता है और हार्मोन के स्तर को संतुलित करके हमारे तनाव को कम करने में मदद प्रदान करता है।
- सिरदर्द और माइग्रेन:
कई अध्ययनों में पाया गया है कि माथे पर एक बूंद पेपरमिंट तेल और इथेनॉल को प्रयोग करके हल्के हांथों से मसाज करने से सिरदर्द दर्द से राहत मिलती है। अध्ययनों द्वारा त्वचा पर पेपरमिंट और लैवेंडर तेल लगाने के बाद भी सिरदर्द कम होने के परिणाम सामने आये हैं। कई स्थानों पर कैमोमाइल और तिल के तेल का मिश्रण प्रयोग करने से सिरदर्द और माइग्रेन के इलाज में राहत के परिणाम भी मिले हैं।
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- एंटी फंगल :
नारंगी, गेरियम, पचौली, पामारोसा, लेमनग्रास और एंगल मार्मेलोस जैसे एसेंसिअल ऑयल्स अनेकों प्रकार के फंगस को बढ़ने से रोकने में सहायक होते हैं। अतः इन तेलों के प्रयोग से हम अनेकों प्रकार के फंगल संक्रमण से बच सकते हैं।
- एंटी एजिंग :
एसेंसिअल ऑयल्स का प्रयोग त्वचा की सतह पर ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके उम्र बढ़ाने वाले कारकों को कम करके हमे लबे समय तक जवां रखते हैं।
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