माँ बनना एक ऐसा अद्भुत अनुभव है जिसे एक माँ शब्दों में नहीं बता सकती सिर्फ इसका अहसास किया जा सकता है। आज यहाँ हम बात करने वाले हैं चौदह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन के बारे में।
मातृत्व का एहसास अनंत ख़ुशी देने वाला होता है। किसी महिला के लिए सबसे ज्यादा ख़ुशी की बात यही होती है कि वह एक माँ है। माँ बनने के साथ कई बदलाव भी आते हैं जिन्हें हम यहाँ देखेंगे।
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चौदह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन:
चौदह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में कई चीज़ें होती हैं जैसे स्तनों में दर्द का होना और बार-बार मूड स्विंग होना, तनाव महसूस होना इत्यादि। जो महिलाएँ पहली बार माँ बनती हैं वे इन बदलावों को देखकर थोड़ी घबरा सी जाती हैं। चैये देखते हैं चौदह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन के बारे में:
स्तनों का बढ़ना एवं स्तन में दर्द होना:
चौदह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में यह शामिल है। जब गर्भावस्था शुरू होती है तो उस दौरान दिखने वाले लक्षणों में से एक स्तनों का संवेदनशील होना भी एक परिवर्तन है। गर्भवती को ऐसा महसूस होता है कि वह अपनी छाती पर बोझ रखे हुए हैं। यह कई बार गर्भवती के लिए बहुत असुविधाजनक भी हो जाता है।
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मूड स्विंग:
इस दौरान गर्भवती छोटी से छोटी बात पर भी रो देती है। जैसे अखबार न आना, घर के किसी काम को करने में असमर्थता होना या किसी का कुछ कह देना इत्यादि। इस दौरान गर्भवती स्वयं को पहले के मुकाबले बहुत परिवर्तित महसूस करती है। इस समय यह दोष गर्भवती का नहीं बल्कि गर्भावस्था के हार्मोन का है। चौदह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में यह भी शामिल है।
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मॉर्निंग सिकनेस:
फिल्मों में अधिकतर आपने देखा होगा कि गर्भवती को मोर्निंग सिकनेस होती है लेकिन वे इस बात पर गौर नहीं करती और उनकी दिनचर्या साधारण चलती रहती है। लेकिन यह हकीक़त नहीं यहाँ थोड़े से बदलाब हैं। इस अवस्था में ऐसा नहीं होता कि आप आप ध्यान न दें तो भी बस सब यूं ही चल जाएगा। कुछ महिलाओं के लिए यह स्थिति वास्तव में बहुत कठिन होती है। साथ ही जी मितलाने जैसी समस्याओं से स्वयं जो बचाना बिल्कुल आसान नहीं होता।
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कब्ज:
यह एक और स्वाभाविक सा बदलाव है और सभी गर्भवती महिलाएँ इसे बदलाब को अनुभव करती हैं। इस दौरान भ्रूण के खेलने की शुरुआत हो जाती है यह चौदह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में सबसे अहम् परिवर्तन होता है। आयरन के बढ़ते सेवन के कारण ऐसा होता है। इस समय महिलाओं को पौषक आहार लेना जरुरी होता है यह आहार बच्चे के विकास को सुनिश्चित करने के लिए भी अहम् होता है।
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त्वचा में परिवर्तन:
गर्भावस्था के दौरान कई महिलाएँ त्वचा में एक खास ग्लो को महसूस करती हैं। इस दौरान गर्भवती के चेहरे पर निखार आ जाता है। लेकिन कई बार हार्मोन इसके विपरीत परिणाम भी दे सकते हैं। कई महिलाओं के चेहरे पर मुंहासे हो जाते हैं और उनकी त्वचा का रंग गहरा हो जाता है। यह परिवर्तन कुछ ही दिनों के लिए होता है। चौदह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में यह एक अहम् परिवर्त्तन होता है।
वॉटर रिटेंशन:
गर्भवती महिलाओं को अचानक लगने लगा है कि उनकी अंगूंठी बहुत टाइट हो गई है, जूते भी अब पैर में नहीं आ रहे हैं। तो गर्भावस्था के दौरान यह बहुत ही सामान्य है यह इसलिए होता है क्योंकि इस दौरान शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है। इसको नियंत्रित करने के लिए नमक को कम करें और पानी अधिक पिएं। इसके बारे में आप अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
बार-बार पेशाब आना:
गर्भावस्था के आगे बढ़ने के साथ ही बार-बार पेशाब आने की परेशानी का भी सामना भी महिलाओं को करना पड़ता हैं। ऐसा नौ महीने तक बराबर होता रहता है, बार-बार पेशाब आना गर्भवती के द्वारा अनुभव किए जाने वाले परिवर्तनों में से एक है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मूत्राशय में अधिक दबाव होता है।
तो ये हैं चौदह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में से कुछ विशेष परिवर्तन। और सप्ताह डर सप्ताह इन परिवर्तनों में भी परिवर्तन होते हैं।