पंद्रह सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में भी कई प्रकार के परिवर्तन हैं जिन्हें माँ और शिशु दोनों के द्वारा अहसास किया जाता है। हम यहाँ देखेंगे कि किस प्रकार के परिवर्तन इस दौरान देखे जाते हैं जो अद्भुत होते हैं और माँ हर एक परिवर्तन का अहसास करने में सक्षम होती है।
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पंद्रह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन:
- शिशु में आने वाले परिवर्तन:
इस दौरान शिशु करीब 10.1 सेंमी. (4 इंच) लंबा होता है और शिशु का वजन लगभग 70 ग्राम के आस पास होता है। अब शिशु एक सेब जितना बड़ा हो जाता है। शिशु की श्वसन प्रणाली अब और विकसित होती जाती है। शिशु अब निगलने और चूसने में सक्षम होता है और व सांस के जरिये एमनियोटिक द्रव भीतर लेने की कोशिश करता है। शिशु के विकसित हो रहे फेफड़ों के लिए यह क्रिया अच्छी होती है।
अब शिशु के अस्थि-पंजर की हड्डियाँ मजबूती लेने लगती हैं और मांसपेशीय ऊत्तक भी विकसित होना प्रारंभ हो जाते हैं। शिशु की टांगे भी हर दिन लंबी होने लगती हैं। शिशु की आँखें इस दौरान भी बंद होती हैं लेकिन अब आँखें रोशनी के लिए संवेदनशील होने लगती हैं। शिशु की सुनने की क्षमता भी विकसित होने लगती है है। इस सप्ताह के अंत तक शिशु दिल की धड़कन और पेट की गड़गड़ाहट सुन सकने में सक्षम होने लगता है।
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- गर्भावस्था के पंद्रह सप्ताह में शारीरिक परिवर्तन:
इस दौरान गरभवती की ग्रीवा (सर्विक्स) और योनि में रक्त का प्रवाह बढ़ने लगता है। शिशु के लिए यह अच्छा माना जाता है, इस दौरान आपका योनि स्त्राव बहुत ज्यादा होगा। गर्भवती इस लक्षण महसूस पहले से ही महसूस करने लगती हैं। इस समय गर्भवती महिलाएँ कई बार पैंटी लाइनर का इस्तेमाल भी करती हैं। अगर स्त्राव के रंग, या गाढ़ेपन या गंध में बदलाव है इसका मतलब है कि योनि संक्रमण हो सकता हैं। पंद्रह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में यह भी एक बदलाब है।
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- गर्भावस्था के 15वें हफ्ते में करने योग्य कार्य:
- इस दौरान कुछ महिलाओं को 15 से 18 सप्ताह की गर्भावस्था के बीच एमनियोसेंटेसिस की जाँच करवाना चाहिए इसकी साल्ह आप डॉक्टर से ले सकती हैं।
- आयरन को अपने आहार में जरूर शामिल करें इसके लिए आप हरी सब्जियाँ जैसे पालक का इस्तेमाल कर सकती हैं।
- समय समय पर डॉक्टर की सलाह लेती रहे और अपने शिशु के विकास की जानकारी अर्जित करती रहें।
- इस समय पानी ज्यादा पियें।
- धीरे धीरे वॉक करें।
- विटामिन और खनिज को भी आहार में सम्मिलित करें।
तो ये सभी थी ध्यान रखने योग्य बातें जो गर्भवस्था के दौरान महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।