पुरे विश्व में यह एक बहुत ही आम और खतरनाक बिमारी है। भारत में हर पांच में से एक व्यक्ति इस बीमारी से ग्रषित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक आज दुनियां भर में करीब 422 मिलियन लोग डायबिटीज की समस्या से पीड़ित है जिसमे से करोड़ो लोग भारत में है।
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डायबिटीज क्या है : जब हमारे रक्त में रक्त में ग्लूकोज की मात्रा आवश्यकता से अधिक या कम हो जाती है तो इस अवस्था को डायबिटीज कहा जाता है अर्थात आपके खून में ग्लूकोज बढ़ जाता है जिससे खून पतला हो जाता है और शरीर में ब्लड का संचार बिगड़ जाता है।
हमारे ब्लड में ब्लड शुगर एकाग्रता ग्लूकोस के रूप में होती है। हमारी बॉडी प्राकृतिक रूप से अपने आप ही ब्लड ग्लूकोज के लेवल को रेगुलेट, मेटाबोलिक होमियोस्टेसिस के द्वारा करती रहती है। हमारे शरीर में ब्लड ग्लूकोज लेवल के कम या अधिक होने से हमको अनेक प्रकार की स्वास्थ सम्बंधित समस्याएं हो सकती है।
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डायबिटीज कैसे होती है : हमारे भोजन के साथ हमको अन्य पोषक तत्वों के साथ हमें कार्बोहाइड्रेट भी प्राप्त होता है। कार्बोहाइड्रेट पाचन प्रक्रिया में ग्लूकोज में बदल कर रक्त के साथ कोशिकाओं में जाता है। और कोशिकाएं इस ग्लूकोज को ऊर्जा में बदल कर हमारे शरीर को काम करने की क्षमता प्रदान करती है। परन्तु इस ग्लूकोज को रक्त कोशिकाओं तक पहुंचाने का काम इन्सुलिन द्वारा किया जाता है जिसे अग्नाशय बनाता है। लेकिन यदि किन्ही कारणों से अगर इन्सुलिन हमारे शरीर में नहीं बन पाए तब यह ग्लूकोज हमारी रक्त कोशिकाओं में पहुंचकर ऊर्जा में नही बदल पाता और हमारे ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है। तब इसे डाईबीटीज के नाम से जाना जाता है।
रक्त में ग्लूकोज की मात्रा :
ग्लूकोज की रक्त में मात्रा का पता ब्लड ग्लूकोज टेस्ट द्वारा लगाया जाता है। एक समान्य व्यक्ति में ब्लड ग्लूकोस लेवल खाना खाने से 8 घंटे पहले 70–99 एमजी/डीएल होना चाहिए और खाना खाने के 2 घंटे बाद 140 एमजी/डीएल से कम होना चाहिए। अतः समय समय पर ब्लड ग्लूकोज टेस्ट करते रहने से हम आगे होने वाली बीमारी से अपने आपको बचा सकते है।
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रिपोर्ट: डॉ. हिमानी