अधिकांश लोग अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए योग का सहारा लेते है। लोगो का मानना है कि शरीर के स्वस्थ रहने पर ही मस्तिष्क को स्वस्थ रखा जा सकता है। मस्तिष्क ही हमारे शरीर की समस्त क्रियाओं को संचालित करता है। अतः मस्तिष्क को स्वस्थ और तनावमुक्त रखने के लिए योगासन अति आवश्यक है। साथ ही लोगो का यह भी मानना है कि योग को अपने दैनिक जीवन में अपनाने से अनेकों प्रकार की बिमारियों से बचा जा सकता है, साथ ही अपनी शरीर की मांसपेशियों को मजबूत तथा लचीला बनाया जा सकता है। इसी वजह से लोगों में योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाने लगा है। लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा की गई खोज ने इस विषय पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। इस शोध ने खुलासा किया है कि योग उतना सुरक्षित नहीं है, जितना की लोगों द्वारा माना जाता है।
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जर्नल ऑफ बॉडीवर्क ऐंड मूवमेंट थेरेपीज में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार अधिक योग करने से मांसपेशी और हड्डी में दर्द की संभावना बढ़ जाती है और उसके साथ ही पहले से लगी चोटें और भी गंभीर रूप ले सकती हैं। अधिकांशतः योग की महत्वता मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के वैकल्पिक उपचार के तौर पर होती है परन्तु शोधकर्ताओं ने इस तथ्य को सही नहीं ठहराया है।
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ऑस्ट्रेलिया में सिडनी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता इवानगेलोस पापास के अनुसार, ‘योग और व्यायाम करने से मांसपेशी और हड्डी से संबंधित दर्द कम हो सकता है। परन्तु अधिक मात्रा में योग और व्यायाम मांसपेशियों में दर्द का कारण भी हो सकता है। कभी कभी इसके कारण पहले से लगी चोट और भी गंभीर रूप धारण कर सकती है। अतः यदि आप पहले से चोट गस्त हैं तो ऐसी स्थिति में अधिक योग आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
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रिपोर्ट: डॉ. हिमानी