नई दिल्ली। कंप्यूटर जिसने धीरे-धीरे लोगों के काम करने के जरिए को और आसान बना दिया है। चाहे वो ऑफिस वर्क हो या फिर किसी सवाल का जवाब ढूंढना हो। लेकिन जितना यह कंप्यूटर लोगों को सुविधा देता है उतना ही नुकसान भी पहुंचाता है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों को पहुंचता है, क्योंकि इससे चिपकर जो बैठे रहते हैं।
बच्चों के दिमाग और आंखों पर पड़ता है असर
तकनीक के इस अद्भुत खोज के अधिक प्रयोग से बड़ों से ज्यादा बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। कंप्यूटर से निकलने वाला रेडियेशन बच्चों की आंखों और दिमाग दोनों पर असर डालता है। इससे बच्चों का दिमाग कमजोर होता जा रहा है। इसलिए बच्चों को ज्यादा देर तक कंप्यूटर के सामने नहीं बैठना चाहिए।
क्या है नुकसान
बच्चों के हाथ में कंप्यूटर होने से फायदा नहीं, बल्कि नुकसान होता है। इससे उनकी पढ़ने की क्षमता कम हो जाती है। एक रिसर्च के अनुसार कंप्यूटर का इस्तेमाल करने वाले 10 से 14 साल की उम्र के बच्चों पर इसका काफी गलत प्रभाव पड़ता है। इससे उनकी स्मरण शक्ति काफी प्रभावित होती है। जिसके कारण उन्हें अल्जाइमर जैसी बीमारी हो जाती है।
आंखों को नुकसान
कंप्यूटर और लैपटॉप की स्क्रीन से लगातार सॉफ्ट रेडियेशन की किरणें निकलती रहती हैं, जिनका आंखों पर बुरा असर पड़ता है। आंखों के बाहरी हिस्से पर पानी जैसा एक द्रव्य पाया जाता है, जिसके कारण हमारा दृश्य साफ होता है। इसकी कमी से दृष्टि दोष व आंखों में दर्द जैसी समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए आंखों को आराम देना होता है, जो पलकों के झपकने से उन्हें मिलता है। लेकिन कंप्यूटर स्क्रीन का इस्तेमाल करते समय बच्चे अक्सर पलकों को झपकाना भूल जाते हैं। इन रेडियेशन किरणों से व्यक्ति को दूर दृष्टि दोष होने की आशंका बढ़ जाती है।
कम्प्यूटर से बच्चों को दूर करने के उपाय
- बच्चों को लगातार कम्प्यूटर पर बैठने से रोकिये।
- बच्चे जब कम्प्यूटर पर काम कर रहे हों तो उन्हें एंटी-ग्लेयर चश्मे पहनाइए।
- कम्प्यूटर में अधिक गेम डाउनलोड न करें।
- बच्चे जब काम कर रहे हों तो आप भी उनके साथ बैठिये।