ब्रेस्ट कम्प्रेशन या स्तन संपीड़न एक ऐसी विधि है जहां आप स्तनपान के दौरान दूध की ग्रंथियों पर अतिरिक्त दबाव डालने के लिए धीरे से अपने स्तन को दबाते हैं ।जिसके कारण दूध ग्रंथियों पर दबाव पड़ने से दूध का बहाव तेज हो जाता है। इस तेज प्रवाह के कारण शिशु सक्रिय रूप से दूध चूसने का प्रयास करता है जिससे शिशु को पर्याप्त मात्रा की तुलना में अधिक दूध पीने को मिलता है। बच्चे को अधिक समय तक सक्रिय रूप से स्तनपान कराने के साथ- साथ, ब्रेस्ट कम्प्रेशन से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि दूध के प्रवाह को स्तनों से किस प्रकार अच्छी तरह से खाली किया जाए। यदि आप अपने शिशु को अधिक बार और अच्छी तरह से स्तनपान कराती है तो आपके स्तनों में दूध उतना ही अधिक बनेगा जो आपके शिशु के स्तनपानकी दर को बढ़ाएगा । यदि स्तनपान की प्रक्रिया ठीक से नहीं होती, तो स्तन अच्छे से खाली नहीं हो पाते हैं और स्तनों में दूध जमने से स्तनों से स्त्राव होने लगता है।
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आइए जानते हैं ब्रेस्ट कम्प्रेशन से होने वाले अन्य लाभों के बारे में :
स्तनों के दर्द को कम करता है:
स्तनपान के दौरान स्तनों में दर्द होना एक प्राकृतिक क्रिया होती है। परन्तु कई बार सही से स्तनपान न
कराने की वजह से स्तनों में दर्द होने की सम्भावना बढ़ जाती है। क्योकि सही रूप से स्तनपान न कराने की
वजह से स्तनों में दूध के जमने के कारण स्तन भारी लगने लगते हैं। ब्रेस्ट कम्प्रेशन से दूध का बहाव तेज
होता है और स्तनों में दूध ज्यादा इक्ट्ठा नहीं रहता है और इससे दर्द की संभावना भी कम हो जाती है।
दूध नलिकाओं को खोलने में लाभकारी :
ब्रेस्ट कम्प्रेशन की मदद से दूध पर्याप्त मात्रा में निकल जाता है औरजिसकी वजह से दूध नलिकाएं अधिक
सक्रिय रहती है और उनके अवरुद्ध होने की कम सम्भाना रहती है।
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यह शिशु को सक्रिय बनाने में लाभकारी :
अधिकाशतः देखा गया है जब ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दूध का प्रवाह कम हो जाता है, तो शिशु दूध को अधिक
देर तक नहीं खींच पाते और थक कर सो जाते हैं। इसकी वजह से वह सक्रिय रूप से स्तनपान नहीं कर पाते।
वही दूसरी और ब्रेस्ट कम्प्रेशन के बाद तेज दूध का प्रवाह शिशु को सक्रिय बनाता है और उनको दूध के जरिये
सभी पोषक तत्व उचित मात्रा में मिल जाते है जो उनकों स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक होते हैं।