बात चाहे पढ़ाई ,खेलखूद , बिजनेस, जॉब ,मॉडलिंग या राजनीति की हो महिलाये आज कल सबसे आगे रहना चाहती हैं। उनके अंदर आत्म विश्वास पहले के जमाने से कही अधिक आ गया है और इस बढ़े हुए आत्मविश्वास का कारण उनका अधिक से अधिक शिक्षित होना माना गया है। ऐसे में प्रत्येक शिक्षित महिला अपने आपको स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी भी खूब जानती हैं क्योकि वह जानती है कि यदि वह खुद स्वस्थ होगी तभी वह अपने परिवार को भी एक अच्छी और स्वस्थ लाइफ देने में सक्षम होगी।
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आज कल की महिलाएं चाहे वह कितनी भी व्यस्त क्यों न हो, अपने आपको फिट रखने के लिए अपनी व्यस्त दिनचर्या में से समय निकाल कर जिम जाकर एक्सरसाइज करती हुई नजर आती है। आकर्षक बॉडी के साथ आकर्षक कपडे पहनना भी आज कल खूब चलन में हैं। आज कल बेकलेस और स्ट्रैपलेस ड्रेसेस काफी चलन में है। कोई भी फंक्शन हो या पार्टी हर महिला चाहती है कि बेकलेस कपडे पहनने के बाद उसकी ख़ूबसूरती और बढ़ जाए, परन्तु बेकलेस ड्रेस पहनने के लिए आपकी कमर और पीठ का शेप में होना बहुत जरुरी है क्योकि यदि आपकी कमर या पीठ पर हल्का सा भी फैट है तो ऐसे में आपकी अच्छी से अच्छी ड्रेस भी भद्दी दिख सकती है।
हमारी ऊपरी पीठ में कई सारी मसल्स होतीं हैं, जिनकी वजह से हमको एक आकर्षक पीठ मिलती है। ये मसल्स आपकी बेक और आपके आर्म्स से लेकर आपकी पसलियों तक को कवर करतीं हैं। इसके साथ ही ये मसल्स आपके कंधो के मूवमेंट में एक महतव्पूर्ण भूमिका भी निभाती हैं। वहीं अगर आपकी ये बेक मसल्स कमजोर होतीं हैं तो आपकी बेक की शेप भद्दी नजर आने लगती है क्योकि कमजोर मसल्स के कारण आपके बेक पर फैट नजर आता है वही अगर आपकी मसल्स अच्छे से टोंड और स्ट्रांग होगी तो ऐसे में आ पकी कमर बहुत ही शेप में नजर आएगी।
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पीठ की मांसपेशियां महिलाओं द्वारा की जाने वाली बहुत सारी गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, चाहे वह आपकी दैनिक जीवन से जुडी रोजमर्रा कि गतिविधि हो या खेल या फिटनेस से जुडी गतिविधियां हो। हम अपनी पीठ के लगातार उपयोग के बावजूद भी अपनी पीठ की इन मांसपेशियों को उचित प्रशिक्षण देना अकसर अनदेखा कर देतें हैं। पीठ की मांसपेशियों के मजबूत होने से हमारे द्वारा की जाने वाली अनेकों गतिविधियों में चोट लगने से बचने में मदद मिलती है।
पीठ के एनाटॉमी:
पीठ मांसपेशियों का एक जटिल नेटवर्क है जो रीढ़ की हड्डी को सहारा देने और हमारे शरीर को गति प्रदान करने में मदद करता है। ऊपरी पीठ की प्रमुख मांसपेशियाँ- ट्रेपेज़ियस, रॉमोबिड्स, लैटिसिमस डोर्सी, इन्फ्रास्पिनैटस, टेरस मेज: ये सभी हाथ, कंधे और गर्दन क गति प्रदान करने में मदद हैं। पीठ के निचले हिस्से की प्रमुख मांसपेशियां – इरेक्टर स्पिना, इलियोकॉस्टालिस लुम्बोरम, क्वाड्रेटस लुंबोरम :मुख्य रूप से ट्रंक और स्पाइनल कॉलम के समर्थन में कार्य करता है।
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अतः इस आर्टिकिल में हम आपको कुछ ऐसी प्रभावी एक्सरसाइज बताने जा रहे हैं जो आपकी पीठ और कमर को सुडौल और आकर्षक बंनाने में लाभकारी होंगी। इन एक्सरसाइज को करने से आप अपनी थुल-थुली बेक को शेप में ला सकते है।
- पुशअप: पुश अप एक्सरसाइज करने से आपके ऊपरी शरीर में ताकत बनी रहती हैं। शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए पुश अप्स एक तेज और प्रभावी व्यायाम है। सबसे अच्छी बात यह है कि इस एक्सरसाइज को करने के लिए किसी भी उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है। अपने शरीर की स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए पुशअप एक तेज और प्रभावी व्यायाम माना जाता है। पुश अप आपके शरीर की लगभग हर मांसपेशी को सक्रिय करने में अहम् भूमिका अदा करता है। पुशअप्स करते समय आपकी बाहो, कंधों और सीने की मांसपेशियों पर खिंचाव आता है, जिससे उनमें मजबूती आती है। इसे करने से बाकी अंगों की एक्सरसाइज भी अपने आप ही हो जाती है।
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इसके अतिरिक्त पुशअप करने से बहुत से फायदे होते हैं जैसे कि :
- ऊपरी शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए पारंपरिक पुशअप फायदेमंद होते हैं। वे ट्राइसेप्स, पेक्टोरल मांसपेशियों और कंधों पर अच्छी तरह से काम करते हैं। पुशअप सही और उचित रूप से किया जाए, तो यह हमारी पेट की मांसपेशियों को खींचकर पीठ के निचले हिस्से और कोर को मजबूत करने में मददगार साबित होते हैं।
- जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारी मांसपेशियों का घनत्व कम होता जाता है। मांसपेशियों में घनत्व कम होने से अधिकांश महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी से गुजरना पड़ता है। इसलिए महिलाओं को अपने आहार के साथ-साथ पुश अप्स भी करना चाहिए क्योकि पुशअप्स करने से मांसपेशियां और हड्डियों के घनत्व में सुधार होता है।
- इसके अतिरिक्त पुश अप एक्सरसाइज हमारे शरीर के ऊपरी भाग और छाती के विकास के लिए बहुत ही लाभकारी मानी जाती है। यह एक्सरसाइज न केवल आपकी भुजाओं बल्कि आपकी छाती, पीठ और कंधे को भी एक्टिव रखती हैं।
- इसके अतिरिक्त अगर आप अपने शरीर को लचीलापन प्रदान करना चाहते हैं तो ऐसे में भी पुशअप्स आपके शरीर के लिए लाभकृ होता है क्योकि यदि आपके शरीर में लचीलापन नहीं होगा तो आपके कंधे और पीठ में चोट लगने की सभांवना बढ़ सकती है।
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पुश अप कैसे करें?
- पुश अप्स एक्सरसाइज करने के लिए आप मैट पर घुटने टेक कर बैठ जाएं और अपने दोनों पैरों को पीछे रखें अब अपने दोनों हाथों को आगे की ओर करें और फिर उनको अपने कंधे की चौड़ाई के बराबर में करते हुए जमीन पर ठीक प्रकार से जमा ले ।
- अब थोड़ा आगे की ओर झुक जाएँ और अपने हाथों पर शरीर का वजन डालें।
- दोनों पैर के घुटनों को फर्श पर ऊपर ले जाते हुए पैरों को सीधा कर लें।
- दोनों हाथों को भी सीधा कर लें। इस स्थिति में आपका पूरा शरीर एक सीधी रेखा में प्रतीत होगा।
- अब धीरे-धीरे अपने हाथों को कोहनी से मोड़ें और अपने धड़ को नीचे जमीन की ओर लाने का प्रयास करें।
- जब तक आपकी छाती जमीन को नहीं छू लेती तब तक अपने आप को नीचे की और धकेलते जाएं।
- छाती के जमीन से छूने के बाद अब अपने दोनों हाथों को सीधा करते हुए अपने आप को जमीन से अधिकतम ऊंचाई तक ले जाएं।
- यह ऊपर जाना और नीचे आना पूरी क्रिया एक पुश अप कहलाएगी। इस पूरी क्रिया को बार-बार दोहराहएं।
- पुश अप्स एक्सरसाइज को शुरआत में अपनी सामर्थ के अनुसार करें फिर धीरे-धीरे इसकी संख्या को बढ़ाते जाएं।
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पुश आप करने के दौरान आप निम्न बातों का ध्यान रखें :
- अपनी पीठ एकदम सीधी और आपकी कोर एकदम व्यस्त हो ।
- अपने हिप्स को नीचे रखने का प्रयास करें , उनको ऊपर ना ले जाएँ ।
- आपका पूरा शरीर एक सीधी रेखा में होना चाहिए।
- अपनी छाती को सिर्फ जमीन से स्पर्श कराएं न कि जमीन पर रखें।
- अपने हाथों को जमीन पर मजबूती से रखें ताकि आपकी कलाइयां आपके ऊपरी शरीर के बोझ को झेल पाएं।
- सुपरमैन एक्सरसाइज : इस वर्कआउट को करते समय आप सच में एक सुपरहीरो की तरह अपने आप को महसूस करेंगे। इस एक्सरसाइज को करने से आपकी छाती, कंधे , हाथ, पेट और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। इसके साथ ही रीढ़ की हड्डी और पीठ को मजबूत बनाता है। छाती में खिंचाव पैदा होने के कारण रक्त प्रवाह बेहतर होता है।
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इस एक्सरसाइज को आप इस प्रकार कर सकते हैं :
- अपने पेट के बल लेट जाएँ, और अपनी एड़ियों को जमीन पर सीधा टिका दें।
- अब अपने पैरों और पंजों को एक दूसरे से चिपकाएं।
- अब, अपने हाथों को अपने मुँह के ठीक सामने रखते हुए जितना हो सकता है, उतना खींचे।
- एक गहरी साँस लें और अपनी छाती, हाथों, पैरों व जांघों को जमीन से धीरे धीरे ऊपर उठाने का प्रयास करें।
- इस अवस्था में आप उड़ते हुए सुपर हीरो की तरह लगेंगे।
- इस अवस्था में आप प्रयास करें कि आप जमीं से बस 5-7 इंच ऊपर उठें वही दूसरी ओर प्रयास करें कि अपने हाथों और पैरों को विपरीत दिशा में जितना हो सकें उतना खींचे। शरीर के दोनों विपरीत भागों में लग रहे खिंचाव को महसूस करें।
- ध्यान रखें कि आपकी कोहनियाँ और एडियाँ पूरी तरह से सीधी हों।
- इस अवस्थ में कम से कम 5 -6 सेकेण्ड रहने का प्रयास करें।
- जब आप साँस छोड़ें तब अपनी छाती, हाथों और पैरों को धीरे-धीरे नीचे लाएँ।
- कम से कम इस प्रकिर्या को 7 – 8 बार दोहराएं।
- अपोजिट आर्म एंड लेग बैलेंस : यह व्यायाम आपकी पीठ के निचले हिस्से, बट (ग्लूट्स), हैमस्ट्रिंग और गर्दन की मांसपेशियों पर काम करता है।
- इस एक्सरसाइज को करने के लिए फर्श पर उल्टा लेट जाएँ और अपने हाथों को आगे की और रखें और पैरो को पूरी तरह खोलकर पीछे की ओर खीचें साथ ही अपनी पीठ को सीधा रखें।
- अब एक साथ एक हाथ और उस हाथ के विपरीत वाले पैर को ऊपर उठाने का प्रयास करें।
- जब आप ऊपर की और उठे तब सां लें और निचे आते समय सांस छोड़े।
- अब दूसरे हाथ और उस हाथ के विपरीत वाले पैर को ऊपर उठाने का प्रयास करें।
- जब आप हाथ और पैर को उठाएं तो कोशिश करें कि इस अवस्था में कम से कम से 3 से 4 सेकेण्ड रुकें।
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4- डंबल रियर लेटरल रेज :
यह एक्सरसाइज लेटरल रेजज वेरिएशन का एक बदलाव है। इस एक्सरसाइज द्वारा भी आप एक आकर्षित बैक पा सकते हैं। इस एक्सरसाइज में आप सबसे पहले अपनी सामर्थ के अनुसार दो डम्बल्स हाथ में लें फिट पैरों के बीच में थोड़ा गैप देते हुए घुटनों को थोड़ा मोड़ें और जमीन की और अपने धड़ को थोड़ा आगे की ओर झुकाएं। अब दोनों हाथों के डम्बल्स को कोहनी मोड़ते हुए ऊपर की ओर उठाएं। इसी प्रकार कम से कम 10 से 12 सेट के तीन रेप करें।
5- स्वीस बॉल बैक -रेज:
यह पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए एक बहुत अच्छा व्यायाम माना जाता है। जमीन पर सीधे लेट जाएं और फर्श पर पैरों को लगाएं। अपनी पीठ सीधी रखें और छाती पर एक बॉल को नीचे रखें। अब दोनों हाथों को अपने सिर लगाते हुए अपने धड़ को जमीन की ओर पुश करें फिर ऊपर की ओर आएं। पैर को जमीन से टिकाकर धड़ से आगे पीछे होकर इस एक्सरसाइज को करने का प्रयास करें। इस अवस्था में अपनी बाड़ी को 30 डिग्री पर रखें। ऐसा कम से कम 10 के तीन रेप करें, इससे कमर में लचीलापन भी आएगा।
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6-डेडलिफ्ट (Deadlift) :
पावर, स्ट्रेन्थ और मसल्स ग्रोथ के लिए डेडलिफ्ट को सबसे अधिक लाभकारी एक्सरसाइज माना जाता है। डेडलिफ्ट को कंपाउंड एक्सरसाइज के रूप में जाना जाता है। कंपाउंड एक्सरसाइज वह एक्सरसाइज होती है जो हमारे पुरे शरीर पर प्रभाव डालती है। अगर सही रूप से इस एक्सरसाइज को किया जाए तो आप अपने शरीर की स्ट्रेंथ को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं। वजन कम करना हो या फिर मसल्स गेन करना हो, डेडलिफ्ट करके आप अपने गोल को प्राप्त कर सकते है। डेडलिफ्ट शुरू करने से पहले हमेशा ध्यान रखें कि यह एक्सरसाइज बिना किसी एक्सपर्ट की देखरेख के बिना न करें। क्योंकि जरा सी असावधानी से यह एक्सरसाइज करने से आपकी लोअर बैक डैमेज हो सकती है। और साथ ही यदि आपके स्पाइन में किसी प्रकार की इंजरी है तो भी इस एक्सरसाइज को करने से बचना चाहिए। अगर इस एक्सरसाइज को सही तरीके से किया जाये तो यह एक्सरसाइज पीठ के निचले हिस्से, नितम्ब, और आधार भाग की महत्वपूर्ण मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करती है | चूँकि भारत में, पीठ का दर्द आमतौर पर सिटिंग जॉब करने वाले सभी व्यक्तियों को होता है, ऐसे में यह एक्सरसाइज लगभग हर किसी के व्यायाम का एक मुख्य हिस्सा बन सकती है |
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डेडलिफ्ट करने का तरीका :
- छह फुट या उससे लंबी बारबेल रॉड में अपनी सामर्थ के अनुसार वेट लगा लें। पैर को थोड़ा सा खोल लें, कमर को बिल्कुल सीधा रखते हुए झुकें और बारबेल को 8 से 10 इंच के गैप से पकड़ें।
- हिप्स के साथ साथ पुरे शरीर को टाइट कर लें और हिप्स को बाहर की ओर निकालते हुए ऊपर उठें। रॉड को अपने पैरों से चिपकाते हुए ऊपर की ओर धीरे धीरे उठाएं।
- वेट के साथ सीधा खड़े हो जाएँ। ध्यान रखें पीछे की ओर न झुकें आपकी पीठ बिलकुल सीधी होनी चाहिये। बस सीधे खड़े हों और एक सेकेंड का रेस्ट लेकर वापस रॉड को नीचे ले जाएं।
- रॉड नीचे लाकर वापस अपनी जगह पर रख दें और अपने हाथों की ग्रिप हल्की कर दें और फिर तुरंत ग्रिप मजबूत कर वेट उठा लें।
- वेट नीचे लाते समय हल्के से घुटने को मोड़ें और ऊपर जाते वक्त एकदम सीधे रखें।
- एक्सरसाइज करते समय सामने की ओर देखें। ध्यान रखें कि, आप हाथों की ताकत से वेट को ऊपर नहीं खींच रहे हों, कोहनी को मोड़े नहीं।
- इस एक्सरसाइज को करते समय हाथों की ग्रिप का विशेष ध्यान रखें। अच्छी ग्रिप बनाने के लिए एक हथेली अपनी ओर और दूसरी सामने की ओर रखें ।
- धीरे धीरे इस एक्सरसाइज को बेट बढ़ाते हुए करने का प्रयास करें , अच्छा प्रभाव दिखेगा।
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डेडलिफ्ट के अनेकों प्रकार होते हैं :
- कन्वेंशनल डेडलिफ्ट :
- यह डेडलिफ्ट सबसे पुरानी मानी जाती है। नए लोग डेडलिफ्ट की शुरुआत इसी डेडलिफ्ट से करते हैं। इसे आप बार्बेल या फिर डम्बल के साथ भी कर सकते हैं। इसको करने में आपके लोअर बैक, काफ, ग्लूट्स, हैमस्ट्रिंग, लैट, मिडिल बैक, क्वाड्स आदि बॉडी पार्ट इन्वॉल्व होते हैं।
- रोमानियाई डेडलिफ्ट: इस डेडलिफ्ट को सीधे पैर वाली डेडलिफ्ट के नाम से भी जानते हैं।इसमें अधिकतम प्रेशर आपके हैमस्टिंग और ग्लूट्स पर आता है। इसे करते समय आपको अपने घुटने नहीं मोड़ना होता है और झुकते समय लोअर बैक से ही हेल्प लेनी होती है। साथ ही साथ आपको अपनी ग्रिप फर भी ध्यान देना होता है।
- सूमो डेडलिफ्ट: जब आपको नॉर्मल डेडलिफ्ट करने की प्रैक्टिस हो जाए तभी सूमो डेडलिफ्ट करना चाहिए। सूमो डेडलिफ्ट में आपके क्वाड्स और हिप्स के साथ-साथ आपकी बैक भी इन्वॉल्व होती है। इसमें आपके पैर आपके कन्धों से थोड़ी दूरी पर होते हैं।
- हेक्स/ट्रैप बार डेडलिफ्ट :
हेक्स/ट्रैप बार डेडलिफ्ट में आपको एक विशेष तरीके के बार्बेल का यूज किया जाता हैजिसे हेक्स/ट्रैप बार कहते हैं। इसकी सहायता से डेडलिफ्ट करने पर आप डेडलिफ्ट के मैकेनिक्स को चैंज कर सकते हैं और वेट को बराबर रूप से दोनों तरफ बैलेंस करते हुए डिवाइड कर सकते हैं।
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- स्नैच ग्रिप डेडलिफ्ट: स्नैच ग्रिप डेडलिफ्ट में आपके हाथ कंधे की चौड़ाई से कुछ दूरी पर होते हैं। इसमें आपको नॉर्मल तरीके से डेडलिफ्ट करना है बस आपकी ग्रिप कंधे थोड़ी दूरी पर रखना होता है।
- डंबल्स डेडलिफ्ट: डंबल्स डेडलिफ्ट बारबेल डेडलिफ्ट का ही एक वेरिएशन है जो शरीर की मासंपेशियों को लचीलापन प्रदान करने में मददगार होता है। डंबल्स डेडलिफ्ट फुल बॉडी वर्कआउट के रूप कार्य करती है। यदि आप अपने शरीर को मजबूत और अपनी ग्रिप तथा मोबिलिटी को इम्प्रूव करना चाहते हैं तो ऐसे में डंबल्स डेडलिफ्ट आपके लिए बहुत अच्छा विकल्प साबित होता है। डंबल के साथ डेडलिफ्ट एक्सरसाइज करने से आपके शरीर के अन्य मसल्स पर भी प्रभाव पड़ता है और शारीरिक मजबूती में इम्प्रूवमेंट होती है।
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डंबल्स डेडलिफ्ट करने का तरीका :
- अपन दोनों हाथों में अपने शरीर की सामर्थ के अनुसार डंबल ले लें। अब अपने सीने और कमर को टाइट करते हुए कमर को थोड़ा सा आगे झुकाएं और स्क्वॉट करें। ध्यान रखें कि आपकी कोहनियां एक ही स्थान पर स्थिर रहें। जांघों के जमीन के समानांतर आने के बाद शरीर को सीधा कर लें। इस एक्सरसाइज के 10 रैप्स के 3 सेट्स करे।
- यह एक्सरसाइज हिप्स (ग्लूट्स) की सभी मसल्स पर अच्छे से काम करता है। इससे शरीर के निचले भाग को मजबूती मिलती है साथ ही यह हमारी रीढ़ की हड्डी को सीधा और मजबूत बंनाने में मदद करता है। यह एक्सरसाइज पैरों के ऊपरी हिस्से यानी हेमस्ट्रिंग की मसल्स के लिए बहुत ही लाभकारी व्यायाम होता है। यह घुटनों के जोड़ों को मजबूती प्रदान करता है। इसके अलावा इस एक्सरसाइज में भारी वजह उठाने से फोर आर्म्स की मसल्स भी स्ट्रॉन्ग बनती है।
- ध्यान रखें इस वर्कआउट को करने से पहले हल्का वार्मअप जरूर करें। यह एक्सरसाइज शुरुआत में अपने ट्रेनर की देख रेख में ही करें जब आप पूरी तरह से इस एक्सरसाइज को करना जान जाएँ तभी आप स्वयं से यह एक्सरसाइज करें। अपनी क्षमता के अनुसार ही इस एक्सरसाइज में वेट उठाएं इसके साथ ही इस एक्सरसाइज को फुल स्क्वाट पोजीशन में शुरू करने की कोशिश न करें नहीं तो आप अपने शरीर को नुकसान पंहुचा सकते हैं।