आज के समय में लोग अधिकत ऑफिस में बैठे रहते हैं जिसके कारण कमर दर्द या स्लिप डिस्क जैसी समस्याओं का होना स्वाभाविक है। एवं इन समस्याओं से छुटकारा पाना इतना आसान नहीं होता। इसलिए इनको होने से पहले ही रोक देना चाहिए। इसके लिए आप योग या व्यायाम का सहारा ले सकते हैं। अपने खान-पान में बदलाव ला सकते हैं और निरंतर बैठने से थोडा परहेज भी करें। ऑफिस में हर 2 घंटे में 15 मिनिट की वाक अवश्य करें जिससे कमर दर्द के शिकार से आप बच सकते हैं। कमर दर्द एक गंभीर समस्या है। आयुर्वेदिक औषधि से कमर दर्द को रोका जा सकता है।
अगर आप इसका शिकार हो चुके हैं तो आयुर्वेदिक मेडिसिन जैसे आयुर्वेदिक लेप और आयुर्वेदिक तेल का प्रयोग करें जिनसे कमर दर्द से निजात मिल सके। अगर कमर दर्द ज्यादा है तो पंचतंत्र के जरिये इसे रोका जा सकता है। अगर कमर में दर्द है लेकिन निरंतर नहीं है उसके लिए कुछ आयुर्वेदिक औषधि इस प्रकार हैं जैसे:
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हल्दी वाला लेप:
आमी हल्दी लें उसमें एलोवेरा का जेल मिलाएं एवं इस लेप को कमर में दर्द वाली जगह पर लगा दें। 2 कटी हुई प्याज, मेथी के दाने, चुटकीभर नमक, चुटकीभर हल्दी एवं सरसों का तेल लें। एक बर्तन में सरसों का तेल डालें और हल्की आंच पर उसे गरम होने दें। उसमें मेथी के दाने डालें फिर प्यास डाल दें, इसके बाद नमक और हल्दी डालें। इसको अच्छी तरह पकाएं। एक सूती कपडे में इस मिश्रण को डाल दें और उसकी पोटली बांध लें। तब तक कमर में लगा हुआ लेप सूख जायेगा फिर इस पोटली से कमर की सिकाई करें। ऐसा नियमित करने से कमर का दर्द नष्ट हो जाता है। यह आयुर्वेदिक औषधि बहुत लाभकारी है।
सरसों का तेल और हल्दी:
250 ग्राम सरसों का तेल लें उसमें 2 आमी हल्दी की गांठ डाल दें, थोड़े से मैथी दानें डालें और इसे अच्छी तरह पका लें। जब यह तेल लगभग 150 ग्राम रह जाये इसका लेप कमर पर दें और हलके हाथ से मालिश करें। कुछ ही समय में कमर में होने वाला दर्द इससे समाप्त हो जाता है। आयुर्वेदिक मेडिसिन के रूप में इसका प्रयोग सालों से किया जा रहा है।
बैठे रहना कमर दर्द का मुख्य कारण है या कमर पर ज्यादा बल देने से भी कमर दर्द होना संभव है। इसलिए दोनों ही स्थितियों का ध्यान रखें और कमर दर्द के कारणों से बचें।
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