अचानक डर हावी होना, लंबे समय तक तनावग्रस्त रहने या अधिक असहज होने की स्थिति को पैनिक अटैक कहा जाता है। यह एकदम और बिना किसी वजह ही आ जाता हैं। इनके कुछ लक्षण स्पष्ट दिखाई देते हैं जबकि कुछ लक्षण नजर नहीं आते। हर व्यक्ति में पेनिक अटैक के लक्षण अलग-अलग होते हैं।
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मुंबई के फोर्टिस अस्पताल की मनोचिकित्सक डॉ. पारुल टौक के अनुसार, ‘‘पैनिक अटैक की समस्या किसी भी उम्र की महिला, पुरुष या युवा को हो सकती है। जिसकी वजह से व्यक्ति आगे चलकर फोबिया या डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। यह कोई बड़ी बीमारी नहीं है। इस बीमारी को आसानी से ठीक किया जा सकता है। अतः जैसे ही इसके लक्षणों का अनुमान हो तुरंत किसी मनोचिकित्सक से इलाज करवाना चाहिए।
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पैनिक अटैक आने पर क्या करें:
- यदि रोगी एंग्जाइटी की दवा खाता हो तो उसे दवा तुरंत खाने को दें।
- पैनिक होने पर रोगी को टहलायें और उससे स्ट्रैचिंग या कूदने को कहें।
- जब पैनिक अटैक आए तो तुरंत एक शांत जगह पर जाकर सीधे लेट जाएं। फिर कुछ मिनटों के लिए हल्के से आंखों को बंद करे। इसके बाद धीरे-धीरे दिमाग से बुरे विचारों को निकालने की कोशिश करें। इससे आपको जल्दी आराम मिलेगा।
- पैनिक अटैक आने पर व्यक्ति के मन में नकारात्मक विचार सबसे पहले आने लगते हैं। जबकि उस दौरान खुद को संभालते हुए नकारात्मक विचार आने से खुद को रोकना चाहिए।
- अगर आप किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर हैं तो कोई शांत सी जगह तलाशें और अगर आपके साथ में कोई है तो उसे यह बताएं कि आप ऐसा महसूस कर रहे हैं। अगर मरीज को थोड़ी देर में आराम महसूस होने लगे तो ठीक है नहीं तो तुरंत उसे किसी नजदीकी डॉक्टर के पास लेकर जायें।
- पीडि़त को धीरे-धीरे सांस लेने को कहें और इस में उस की सहायता करें, पीड़ित को कहें कि वह नाक से लंबी सांस लें और मुंह से छोड़ें।
- रोगी को नियमित रूप से हेड मसाज देते रहें।
रिपोर्ट: डॉ.हिमानी