दिवाली पर घर को सजाने के लिए हम तरह-तरह की चीजें लाते हैं, जैसे तोरण, फूलो की माला आदि। इसी के साथ हम अपने घर पर रंगोली भी बनाते हैं। जो हमारी पारंपरिक कला है। रंगोली शब्द संस्कृत के एक शब्द रंगावली से लिया गया है।
इसे भी पढ़ें: इस दिवाली डायबिटीज रोगी खाएं जमकर मिठाई, नहीं बढ़ेगी शुगर!
- फूलों की रंगोली – रंगोली बनाने का एक बेहद खूबसूरत तरीका यह भी है। दुनिया में फूलों से ज्यादा सुंदर चीज और कुछ भी नहीं। इन्हीं रंगबिरंगे फूलों और पंखुड़ियों का प्रयोग कर जब रंगोली बनाई जाती है, तो यह न केवल आंखों को खूबसूरत दिखाई देती है, बल्कि इसकी महक से आपका मन भी इस खूबसूरती को महसूस करने लगता है। दक्षिण भारत में खास तौर से इस तरह की रंगोली बनाई जाती है, और अब हर जगह यह प्रचलन है।
इसे भी पढ़ें: बालों में देसी घी लगाने के यह होते हैं फायदे
- तैलीय रंगों की रंगोली – जी हां, तैलीय रंगों और सामान्य पक्के रंगों द्वारा भी रंगोली बनाई जाती है, जो लंबे समय तक बरकरार रहती है। इसे बार-बार बनाने की आवश्यकता नहीं होती। और आप इसके लिए जितने चाहें उतने रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप इसे सीधे ब्रश की सहायता से मनचाही आकृतियों में घर के आंगन, फर्श या फिर आप जहां चाहें बना सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: खूबसूरत त्वचा पाने के लिए वरदान है विटामिन E के कैप्सूल्स
- प्राकृतिक रंगोली – अगर आप बाजार में मिलने वाली रंगोली का उपयोग नहीं करना चाहते, तो घर में प्राकृतिक रंगोली तैयार कर आकृतियां बना सकते हैं। इसके लिए आप घर पर ही सूजी व चावल के आटे को अलग-अलग रंगों में रंग सकते हैं। इसके अलावा हल्दी, मसूर की दाल व बेसन का उपयोग कर सकते हैं।
- दीपों की रंगोली – घर के बरामदे या बड़े आंगन में कई दीपों और फूलों की पंखुड़ियों को सजाकर बनाई गई यह रंगोली जगमगाती हुई बेहद आकर्षक लगती है। खास तौर से दीपावली की रात यह रंगोली बनाई जाती है, जो पूरे वातावरण को रौशन करने के साथ ही महका देती है। आप इसके लिए खुशबूदार दीपों का प्रयोग भी कर सकते हैं।