भागदौंड भरी जिंदगी में आज कौन सा व्यक्ति है जो तनावग्रस्त नहीं है कभी कभी यह तनाव इतना बाद जाता है की व्यक्ति के रोगग्रस्त या मौत का भी कारण बन जाता है। तनाव में व्यक्ति अंदर ही अंदर घुटता रहता है। दिमाग को शांत करने के लिए मेडिटेशन बहुत ही फायदेमंद होता है। इससे आप बेहतर तरीके से फोकस कर पाते हैं। जिससे आपका तनाव और चिंता कम होने में मदद मिलती है। ध्यान करना ना सिर्फ हमें शारीरिक और मानसिक बल्कि आध्यत्मिक स्तर पर भी मजबूत बनाता है।
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आइये जानते हैं मैडिटेशन को क्यों हमें अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में शामिल करना चाहिए :
सकारात्मक विचार: अक्सर तनाव में रहने से लोगों के मन में नकरात्मक विचार आने लगते हैं। जिसकी वजह कई बार नकारात्मकता आपके ऊपर हावी होने लगती है। मेडिटेशन करने से मन में सकारात्मक विचार आते हैं। जब आपके मन में पॉजिटव विचार आएंगे तो आप खुद-ब-खुद क्रिएिटव बनेंगे।
निखरती खूबसूरती : हर रोज ध्यान लगाने से शरीर मेें नई कोशिकाओं का निर्माण होना शुरू हो जाता है, जिसका असर चेहरे पर भी पड़ता है। त्वचा पर नैचुरल ग्लों आता है और मन तरो-ताजा रहता है।
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अंतरात्मा की आवाज सुनना: हमारे मस्तिष्क चेतन और अवचेतन माइंड में बंटा होता है। जब भी हम कुछ सोचते या किसी गतिविधि से जुड़ते है तो हमारा मस्तिष्क विचारो से घिर जाता है। यहाँ तक की बैकग्राउंड में आपका अवचेतन मन भी काम करता रहता है। लेकिन मैडिटेशन के जरिये हम विचारो के फ्लो से निकल कर अपनी अंतरात्मा से रूबरू हो जाते हैं।
मैडिटेशन इच्छशक्ति को बढ़ाता है: संभव तथा असंभव क्या है? सिर्फ हमारी सोच का दायरा। अगर हम सोचतेहै की ये काम हम नहीं कर सकते तो वाकई नहीं कर पाते है। और दूसरी तरफ यदि हम निर्णय कर लें कि यह काम करना ही है तो हम उसको अनेकों कठनाई के दौरा पूरा कर ही लेते हैं। तो इससे यह बात सिद्ध होती है की जैसी हमारी सोच होगी उतनी ही मजबूत हमारी इक्छाशक्ति और एनर्जी होगी। मैडिटेशन व्यक्ति में सकारात्मक सोच को बढ़ा कर उसकी इच्छशक्ति को मजबूत बनाता है।
रिपोर्ट: डॉ.हिमानी