मानसिक स्वास्थ्य “सलामती की वह स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का एहसास रहता है, वह जीवन के सामान्य तनावों का सामना कर सकता है। अच्छा स्वास्थ्य शारीरिक रूप से स्वस्थ शरीर को ही नहीं दर्शाता अपितु स्वस्थ दिमाग को भी दर्शाता है। एक स्वस्थ दिमाग वाले व्यक्ति में स्पष्ट सोचने और जीवन के सभी उतार चढ़ाव से गुजरे की सम्पूर्ण क्षमता होती है। अधिकांशतः हमारे व्यस्त जीवन के चलते हमको बहुत तनाव महसूस होने लगता है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। तनाव के कारण कई लोग मानसिक रूप से और भावनात्मक रूप से थक जाते हैं। जिसका प्रभाव निजी जीवन पर भी दिखने लगता है। थकावट एक गंभीर चिंता है क्योंकि यह सामान्य जीवन के काम को बाधित करती है, प्रोडक्टिविटी के साथ-साथ संबंधों को भी प्रभावित करती है। यदि आपको भी लगता है की आप भी मानसिक और भावनात्मक रूप से थक रहें हैं तो शरीर में उत्पन्न होने वाले संकेतों को जान कर आप अपने आपको इस परिस्थिति में फसने से बचा सकते हैं।
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संकेत जो बताते हैं कि आप मानसिक और भावनात्मक रूप से थके हैं:
शारीरिक
- थकान और चूर-चूर होने व कमजोरी का अहसास
- पुरे शरीर में अजीब से दर्द व पीड़ा
भावनात्मक
- उदास और दुखी महसूस करना
- जीवन सामाजिक संबंधों और काम इत्यादि में दिलचस्पी का खत्म होना
- अपराध बोध की भावनाएं
सोच संबंधी
- भविष्य को लेकर निराशा
- फैसले लेने में मुश्किलें
- आत्म सम्मान की कमी
- आत्महत्या के खयाल और योजनाएं
- दिमाग को एकाग्र करने में कठिनाई
व्यवहार संबंधी
- नींद की परेशानी (आम तौर पर कम नींद आना, पर कभी-कभी बहुत नीदं आना)
- भूख कम लगना (कभी-कभी ज्यादा लगना)
- कामेच्छा में कमी आना
चिंताग्रस्त व्यक्ति को निम्न में से कुछ लक्षणों का अनुभव हो सकता है :
शारीरिक
- अपने दिल के तेजी से धड़कने का अहसास
- दम घुटने का अहसास
- सिर चकराना
- कांपना, पुरे शारीर में कंपन
- सरदर्द
- अपने अंगों या चेहरों पर सुई जैसी चुभने का अहसास
भावनात्मक
- यह महसूस करना कि उसके साथ कुछ भयानक होने जा रहा है।
- भयभीत महसूस करना
व्यवहार संबंधी
- उन स्थितियों से बचना जिनमें व्यक्ति को भय महसूस होता है।
- ठीक से नींद न आना
रिपोर्ट: डॉ.हिमानी