आमतौर पर लोगों के बाल 45 की उम्र के बाद झड़ते हैं लेकिन अब समय ऐसा आ गया है कि बचपन में ही कुछ बच्चों के बाल उड़ने लगते हैं। अब देखने को मिलता है कि 15 साल के बच्चों के बाल झड़ने की शिकायत होने लगती है। यह समस्या बच्चों में स्वास्थ्य का तो इशारा करता ही है, इसके साथ ही बच्चे को इमोशनली भी कमजोर कर सकता है। वहीं अगर आपके बच्चे के बाल भी झड़ रहे हैं, तो आप इसका कारण जानकर जल्दी इलाज शुरू करवा लें ताकि समय रहते परेशानी को बढ़ने से रोका जा सके।
आइए जानते हैं कि बच्चों में किन कारणों से बाल झड़ने की शिकायत होती है।
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एलोपेशिया की वजह-
लोगों के बालों पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ने की वजह से एलोपेशिया ट्रैक्शन होता है। इसकी वजह बालों में बहुत देर तक टाइट रबड़ बैंड लगाना या फिर टाइट चोटी बनाना हो सकता है। इस समस्या को कम करने के लिए बालों पर प्रेशर ना पड़ने दें।
बता दें कि एलोपेशिया एरिएटा ऑटोइम्यून डिजीज है इस डिजीज में इम्यून सिस्टम अपने ही हेयर फॉलिकल्स पर अटैक करने लगता है। इस समस्या के होने पर पूरी तरह से गंजापन हो जाता है साथ ही आईब्रो और पलकों के बाल भी झड़ने लगते हैं।
शरीर में पोषक की कमी होना
देखा जाता है कि जब बच्चों में आयरन, जिंक, बायोटिन, नाइसिन और प्रोटीन जैसे जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, तो इसकी वजह से बच्चों के बाल झड़ने लगते हैं। इसके अलावा बच्चों में थायराइड, डायबिटीज मेलिटस, एनीमिया आदि जैसी बीमारियों की वजह से भी बाल झड़ सकते हैं।
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डॉक्टर को दिखाएं
जब किसी को स्कैल्प पर खुजली या लालिमा, आइब्रो और पलकों के बाल झड़ने, स्कैल्प पर गंजेपन के निशान आने, जरूरत से ज्यादा बाल झड़ने और स्कैल्प पर चोट लगने जैसे लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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जब भी किसी को ऐसी स्थिति आए तो बच्चे का स्ट्रेस से दूर रखने की कोशिश करें और उसके आत्मविश्वास को बढ़ाएं।
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